नाशिकरोड : पिछले कुछ दिनों से पंचवटी एक्सप्रेस (Panchavati Express) में नाशिक (Nashik) के नौकरीपेशा, व्यवसायिक (Professional), छात्र (Student) और पासधारकों (Passholders) को बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है। पिछले 2 दिनों से भीड़ बढ़ जाने से ट्रेन (Train) में खड़े रहने के लिए भी बड़ी मुश्किल से जगह मिल पाई। जगह को ले कर लड़ाईयां भी हो रही हैं। टिकिट बुकिंग (Ticket Booking) करने वाले यात्रियों (Passengers) और पास धारकों को भी अन्य यात्री उनकी जगह पर बैठने नहीं दे रहे हैं। एैसे में राजाना के यात्रियों का गुस्सा बढ़ गया है।
पंचवटी से यात्रा कर रहे नाशिक के कर्मचारी और व्यापारी 2 साल से कोविड संकट से जूझ रहे थे। कभी ट्रेनें बंद रहती हैं तो कभी पूरी ट्रेन रिजर्व रहती है। कोई निजी कार से मुंबई पहुंचने लगा तो कोई ठंड, बरसात में भी दोपहिया वाहन से। वेतन से ज्यादा यात्रा पर खर्च हो रहा है। लोग कर्जदार हो गए हैं। अंतत: रेलवे ने पंचवटी के 6 डिब्बे जनरल कर दिए। फिर भी रोज के यात्रियों को निराशा ही होती है। पहले की तरह नाशिक में खुलने वाली मासिक पास बोगी और अन्य 4 जनरल डिब्बे केवल नाशिक के यात्रियों क लिए रिजर्व रखने की मांग मासिक पासधारक और प्रवासी वेल्फेअर असोसिएशन के अध्यक्ष राजेश फोकणे, उपाध्यक्ष किरण बोरसे, दिपक कोरगांवकर, संजय शिंदे, दत्ताराम गोसावी, कैलास बर्वे, नितीन जगताप, उज्वला कोल्हे, प्रवासी संगठण के बालासाहब केदारे ने की है। यात्रियों की समस्या भुसावल मुख्यालय को देने की सूचना नाशिकरोड के रेल्वे अधिकारियों ने दी है।
कोविड से पहले पंचवटी ट्रेन में 5 डिब्बे नाशिक निवासियों के लिए आरक्षित थे। एक कोच पास धारकों के लिए और 4 कोच सामान्य यात्रियों के लिए थे। लेकिन अब नाशिक के लिए कोई कोच रिजर्व नहीं है। कोविड लहर खत्म होने के साथ ही मुंबई जाने वाले यात्रियों, पर्यटकों और कारोबारियों की संख्या में इजाफा हुआ है। गोदावरी एक्सप्रेस शुरू होगी तो भीड़ बंट जाएगी। लेंकिन गोदावरी के बंद होने से पंचवटी एक्सप्रेस पर काफी दबाव है। कोविड में पंचवटी समेत सभी ट्रेनों में आरक्षित टिकट अनिवार्य थे। पंचवटी ट्रेन के केवल छह डिब्बे अनारक्षित (सामान्य) किए गए थे। लेकिन मनमाड़ से ट्रेन के छूटते ही ये डिब्बे यात्रियों से भर जाती हैं। इसलिए नाशिक से मुंबई रोजाना आने-जाने वाले यात्रियों और पास धारकों को बैठने की जगह नहीं मिलती।
पंचवटी से यात्रा करना दिव्य हो गया है। मुंबई में दिन में 8 घंटे काम करने के बाद 8 घंटे खड़ी यात्रा करना असंभव हो गया है। पंचवटी मासिक पास धारकों की एक बोगी नाशिक में और 4 बोगी जनरल नाशिक में पहले की तरह खोली जाये। गोदावरी भी शुरू की जानी चाहिए।
- किरण बोरसे, यात्री
पास धारकों के साथ अन्याय
सोमवार, शुक्रवार, शनिवार को पंचवटी में भीड़ रहती है। इसलिए पंचवटी के पास धारकों को सीट नहीं मिलती है तो वे राज्यरानी और नंदीग्राम जैसी ट्रेनों से मुंबई पहुंच जाते हैं। लेकिन अभी केवल पंचवटी ट्रेन के मासिक पास पर ही इस तरह की मुहर लगाई जाती है। इसलिए यह पास अन्य ट्रेनों में नहीं चलता है। यदि आप यात्रा करते हैं, तो आपके पास ट्रैवलिंग पास होने के बावजूद आपको जुर्माना देना होगा। पंचवटी समेत सभी वाहन अनारक्षित हों। अतिरिक्त टिकट देकर लूट न करें। तपोवन, राज्यरानी, नंदीग्राम से पंचवटी के पास धारकों को अनुमति दी जानी चाहिए। पास होने पर भी दंड न दें।
- संजय शिंदे, यात्री