Nashik Municipal Corporation
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    नाशिक. शहर के बारा बंगला और पंचवटी जलशुद्धीकरण केंद्र के नवीनीकरण का काम नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) ने मंजूर किया है। फिर भी स्मार्ट सिटी कंपनी (Smart City Company) ने इसी कार्य के नवीनीकरण (Upgrade) का प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा। परिणामस्वरूप महानगरपालिका और स्मार्ट सिटी कंपनी में समन्वय न होने की बात सामने आई है। एक ही कार्य पर दो बार खर्च करने का प्रयास हुआ। यह मामला स्मार्ट सिटी कंपनी के संचालक गुरुमित बग्गा और शाहू खैरे ने सामने लाया। 

    पंचवटी और पुराने नाशिक में स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा धीरे-धीरे काम किया जा रहा है, जिसे लेकर भी संचालकों ने जवाब मांगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी के अध्यक्ष सीताराम कुंटे 2 जुलाई को नाशिक में आने के बाद कामकाज का जायजा लेने वाले है। स्मार्ट पार्किंग सहित टीपी स्कीम और महानगरपालिका को 100 करोड़ रुपए वापस देने का विषय स्थगित किया गया। यह बातें ऑनलाइन हुई बैठक में सामने आयीं।

    जलशुद्धीकरण केंद्र के लिए 19 करोड़ का प्रावधान

    स्मार्ट सिटी कंपनी के अध्यक्ष सीताराम कुंटे की अध्यक्षता में कंपनी की हर तीन माह में होने वाली बैठक हाल ही में ऑनलाइन हुई, जिसमें जिलाधिकारी सूरज मांढरे, पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे, महानगरपालिका कमिश्नर कैलाश जाधव, संचालक तुषार जगताप, भास्कर मुंढे, नगरसेवक गुरुमित बग्गा, शाहू खैरे आदि शामिल हुए। कंपनी की ओर से पंचवटी व बारा बंगला जलशुद्धीकरण केंद्र के नवीनीकरण का प्रस्ताव बैठक में रखा गया लेकिन स्मार्ट सिटी कंपनी व मनपा में समन्वय न होने से एक ही कार्य पर करोड़ों रुपए खर्च होने की बात बग्गा और खैरे ने सामने लाई। पंचवटी जलशुद्धीकरण केंद्र के लिए मनपा ने 19 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। टेंडर प्रक्रिया का कामकाज शुरू है। ऐसे में स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस कार्य को लेकर प्रस्ताव पेश करने से संचालक अचंभित हो गए।

    अप्रिय दुर्घटना की जिम्मेदार होगी कंपनी

    बग्गा ने आरोप लगाया कि कंपनी कामकाज करते समय मनपा को जानकारी नहीं देती। स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा गावठाण परिसर में शुरू कामकाज को लेकर संचालकों ने आपत्ति जतायी। ठेकेदार के पास मनुष्यबल न होने से काम की रफ्तार कम होने का आरोप लगाया। जगह-जगह पर गड्ढे खोदने से व्यवसायी परेशान होने की बात खैरे ने की। बारिश के दौरान संबंधित परिसर में जीवितहानी हुई तो उसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ही जिम्मेदार होगी। संचालकों द्वारा किए गए आरोप के बाद कंपनी के अध्यक्ष कुंटे ने कहा कि 2 जुलाई को नाशिक आने के बाद संबंधित कामकाज का जायजा लेकर सुधार किया जाएगा।

    विवादित प्रस्ताव स्थगित

    बैठक में चालू आर्थिक वर्ष का बजट मंजूर करने, स्मार्ट पार्किंग को दो साल की मुदद बढ़ोतरी, हरित क्षेत्र विकास प्रकल्प अनुमति, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सल्टेंट को मुदद बढ़ोतरी, एबीडी अंतर्गत छोटी सड़कों के साथ लगभग 20 प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखे गए लेकिन सभी प्रस्ताव विवादित होने से स्थगित किए गए, जिस पर 2 जुलाई को चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।

    2 जुलाई को होगा 100 करोड़ का निर्णय

    चुनाव के मद्देनजर विकास कार्य पूरे करने के लिए महापौर सतीश कुलकर्णी ने हर प्रभाग को 5 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है, लेकिन कोरोना की पार्श्वभूमी पर महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से स्मार्ट सिटी कंपनी के पास महानगरपालिका के होने वाले 100 करोड़ रुपए जल्द से जल्द देने के लिए महापौर सतीश कुलकर्णी ने महानगरपालिका कमिश्नर के माध्यम से स्मार्ट सिटी कंपनी को पत्र भेजा। इस बारे में भी बैठक में चर्चा हुई। महानगरपालिका कमिश्नर जाधव ने कहा कि महापौर का पत्र स्मार्ट सिटी को दिया गया है लेकिन बैठक में महापौर मौजूद न होने से इस पत्र पर 2 जुलाई को निर्णय होने की बात कंपनी ने स्पष्ट की।