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नई दिल्ली/नासिक. महाराष्ट्र (Maharashtra) से मिल रही बड़ी खबर के अनुसार, एक बार फिर नासिक (Nasik) के कई गांवों में लोगों को अब भयंकर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। वैसे तो गर्मियों की शुरुआत होते ही देश के अलग-अलग हिस्सों से पानी की किल्लत की तस्वीरें अब आनी शुरू हो गई हैं।  इस समस्या से महाराष्ट्र (Maharashtra) भी अब अछूता नहीं है।  

पानी को लेकर लोग हलकान 

अब यहां मराठवाडा के साथ अब नासिक (Nasik) के अनेकों गांवों में पानी की कमी से लोग परेशान हैं।  पानी की कमी को पूरा करने के चलते महिलाएं बहुत परशान हो रही हैं।  इन्हे पाने के लिए दूर दूर तक भटकना पड़ रहा है।  कई तो बेचारीं किसी इकलौते कुएं की गहराई तक जा रहीं हैं। 

इस बाबत नासिक के ही वेलपाड़ा की सरपंच ने बताया, “यहां सभी गांवों में पानी की समस्या है मगर वेलपाड़ा गांव में समस्या ज्यादा है। यहां पानी खराब है। सभी महिलाओं को समस्या हो रही है, उन्हें दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है। हम लोगों की प्रशासन से वनिती है कि पानी की इस समस्या को खत्म किया जाए।”

अब तक नहीं कोई समाधान 

वहीं मामले पर प्रशासन का वहीं पुराना राग चल ही रहा है, अब मामले पर श्रीकांत तारा पंडित भारतीय, विधायी परिषद के सदस्य ने कहा कि, “पानी की समस्या सच में बड़ी है और पुरानी है मगर शासन और प्रशासन मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढ रही है। । । अगर आदिवासी बंधु और जनसामान्यों के कुछ विषयों को लेकर कुछ गड़बड़ी दिखती है तो इसमें 100% शासन की तरफ से कार्रवाई की जाएगी। “

इधर मराठवाडा  क्षेत्र के जालना और हिंगोली जिलों में 18 गांव और चार बस्तियां वर्तमान में पानी की कमी का सामना कर रही हैं और इन स्थानों पर पानी की आपूर्ति के लिए टैंकर लगाए गए हैं। लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रशासन ने मराठवाड़ा के कुल आठ जिलों में से छह में 447 कुओं का भी अधिग्रहण किया है। औरंगाबाद और जालना में 85-85, हिंगोली में 177, नांदेड़ में 108, बीड में 54, लातूर में 11 कुएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि क्षेत्र के उस्मानाबाद और परभणी जिलों में कुओं का अधिग्रहण नहीं किया गया।