Nashik Municipal Corporation suffered a setback of 150 crores in the first quarter, the councilors may have to face problems

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    नाशिक : नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के चुनाव (Election) की घोषणा (Announcement) कब होगी, यह पता नहीं है। लेकिन पहले से ही सियासी (Political) अखाड़े तैयार कर लिए गए। वार्ड रचना (Ward Composition) ने उम्मीद के मुताबिक कई मौजूदा नगरसेवकों (Corporators) को झकझोर दिया। शहर के अधिकांश वार्डों (West Divisions) को पूरी तरह से बदल दिया गया है। एैसा नाशिक के पूर्व और पश्चिम विभागों में अधिक देखा जा रहा है।

    पुराने नाशिक (Nashik) में, 2 वार्डों को मिला दिया गया है। इसलिए, इस वार्ड रचना ने उम्मीदवारों को डरा दिया है। कोकणी पुरा, गंगावाड़ी, पुराना नाशिक में वार्ड का ढांचा बदला गया है। इसलिए, उम्मीदवारों को नई राजनीतिक गणना और समायोजन करना होगा। कई नगरसेवक, खासकर महापौर सतीश कुलकर्णी और स्थाई समिति के अध्यक्ष शिवाजी गांगुर्डे इस दुविधा का सामना कर रहे हैं। विशेष रूप से, वार्ड रचना की घोषणा इस बार बिना किसी आरक्षण के की गई है।

    मेयर को जोर का झटका 

    वार्ड गठन से खुद मेयर सतीश कुलकर्णी प्रभावित हुए हैं। नाशिक में इस बार 3 सदस्यीय वार्ड रचना के हिसाब से महानगरपालिका निकाय चुनाव होंगे। बजरंगवाड़ी क्षेत्र मेयर के वार्ड नंबर 23 से टूट गया है। यह अब खोडेनगर, साईनाथनगर, अमृत वर्षा कॉलोनी, जयदीप कॉलोनी, मिन्नतनगर, निसर्ग कॉलोनी से जोड़ दिया गया है। इसलिए बजरंगवाड़ी क्षेत्र से मेयर के 4500 वोट कम हो गए हैं।

    आपत्ति कौन जताएगा?

    महानगरपालिका के वार्ड ढांचे पर आपत्ति 14 फरवरी तक दर्ज कराई जा सकती है। महानगरपालिका की ओर से 16 फरवरी को चुनाव आयोग को आपत्तियां सौंपी जाएंगी। इन आपत्तियों और सुझावों पर 26 फरवरी को राज्य चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी सुनवाई करेंगे। इसके बाद अधिकृत अधिकारियों द्वारा की गई सिफारिशों को निर्धारित प्रारूप में विवरण के साथ राज्य चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया जाएगा। लेकिन यह देखना जरुरी हो गया है कि कौन आपत्ति दर्ज कराएगा।

    पार्षदों की संख्या 133 

    मनपा की 133 सीटों के लिए 3 सदस्यीय प्रणाली में 44 वार्डों का मोटा ढांचा तैयार किया गया है। नाशिक में शुरुआत में 26 अगस्त को चुनाव आयोग ने एक सदस्यीय वार्ड के गठन के लिए रफ प्लान तैयार करने का आदेश दिया था। लेकिन राज्य कैबिनेट की बैठक में 3 सदस्यीय वार्ड का गठन किया गया। इसके अनुसार, इस काम में फिर से बदलाव किया गया। अब पार्षदों की संख्या भी 122 से बढ़ाकर 133 कर दी गई है।