Medical officer Dr. Suvarna murder or suicide?, bones found in burnt vehicle

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    नाशिक : नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) की चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुवर्णा वाजे-जाधव की अपनी कार में जल कर मौत हो जाने का मामला बुधवार को सामने आया था। मौत से पहले डॉ. सुवर्णा (Dr. Suvarna) ने मंगलवार रात (Tuesday Night) अपने पति को एक मैसेज (Message) किया था। ऐसे में उनकी मौत का रहस्य और बढ़ गया है। पुलिस (Police) ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि यह वास्तव में क्या है, यह नरसंहार है या कुछ और, इस घटना से महानगरपालिका (Municipal Corporation) के अधिकारियों और कर्मचारियों (Employees) में हड़कंप मच गया है।

    डॉ. सुवर्णा वाजे-जाधव पिछले 5 दिनों से लापता थी। इसलिए उनके परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मंगलवार रात मिलिट्री गेट के सामने उनकी कार जली हुई मिली। इस कार में जल कर कोयला बनी हुई हड्डियां थीं। माना जाता है कि ये हड्डियां डॉ. सुवर्णा की हैं। वाडीवारहे पुलिस ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने आगे की जांच शुरू कर दी है। पुलिस और महानगरपालिका के अधिकारी मौके पर तुरंत पहुंच गए थे। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, एक अधिकारी के जले हुए शरीर की अचानक खोज ने विवाद को जन्म दिया है। सवाल यह है कि डॉ. सुवर्णा की हत्या हुई है या उन्होंने किसी प्रकार आत्महत्या कर ली है इसकी जांच की जा रही है।

    डॉ. सुवर्णा ने क्यों भेजा था संदेश ?

    डॉ. सुवर्णा वाजे ने मंगलवार की शाम को अपने पति के मोबाइल फोन पर एक मैसेज किया था जिसमें उन्होंने एक मीटिंग होने और रात घर देरी से पहुंचने की बात की थी। लेकिन वह देर रात तक भी नहीं पहुंची तो पती ने महानगरपालिका के अधिकारियों से संपर्क किया तो पता चला कि कोई मीटिंग नहीं थी। तो परिवार ने डॉ. सुवर्णा वाजे की तलाश शुरू कर दी। परिवार ने रात 11.30 बजे अंबड थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। डॉ. वाजे मंगलवार शाम तक अस्पताल में थीं। उनके चेहरे पर कोई तनाव नहीं था। उनका व्यवहार हमेशा की तरह था। लेकिन इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि जब मीटिंग थी ही नहीं तो पति को ऐसा मैसेज क्यों भेजा? उनके साथ कौन था, आखिर वह किससे मिलीं और उनकी मौत कैसे हुई? डॉ. सुवर्णा वाजे श्री स्वामी समर्थ अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत थी। उन्होंने कोविड के कार्यकाल में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। महानगरपालिका में उनके काम से सभी प्रभावित थे। इसलिए महानगरपालिका में उनका सम्मान जनक स्थान था। उन्होंने मंगलवार शाम ओपीडी में भी काम किया। उस समय उनके चेहरे पर कोई तनाव नहीं था। लेकिन चंद लम्हों में यह कैसे हुआ, अचानक क्या हुआ इसका रहस्य और बढ़ गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। विभिन्न तरीकों से लोगों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही घरेलू और उनके निजी संबंधों की भी जांच की जा रही है।