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    पुराना नाशिक. प्रशासन की ओर से कोरोना नियमों के अनुसार शनिवार और रविवार को नाशिक शहर (Nashik City) पूरी तरह से बंद रखने के निर्णय (Decision) को पुराना नाशिक (Old Nashik) इलाके के व्यापारियों और दुकानदारों ने अच्छा प्रतिसाद दिया। पुराने नाशिक में कहीं भी किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं देखी गई। इलाके के करीब सभी रास्ते सूनसान दिखाई दिए। केवल अत्यावश्यक सेवा वाले व्यवसाय जैसे मेडिकल, क्लीनिक ही खुले रहे। 

    10 मार्च से शुरू प्रशासन के नए प्रतिबंधों के तहत सुबह 7 से शाम 7 बजे तक अत्यावश्यक सेवा और कुछ चुने हुए उद्योगों को छोड़कर बाकी सभी व्यापार बंद रखने के आदेश दिए गए थे। बाजारों को भी हर सप्ताह पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिए गए हैं। इसमें पुराने नाशिक क्षेत्र के व्यापारियों और दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपने उद्योगों को बंद रखा। इससे पूरे क्षेत्र में लॉकडाउन दिखाई दिया। पुराने नाशिक में रहने वाली एक बड़ी जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिताती है। रोज कमाना और रोज खाना, यहां के लोगों के जीवन का आधार है। यहां के सभी व्यस्त रहने वाले इलाके शाहिद अब्दुल हमीद चौक (दूध बाजार), मुल्तानपुरा, काजीपुरा, आजाद चौक, बागवानपुरा, चौक मंडई, सारडा सर्कल, वडाला नाका, जोगवाडा, बंदी दरगाह शरीफ परिसर, खडकाला, नागजी चौक, मोहम्मद अली रोड, पखाल रोड, फालके रोड (भंगार बाजार) आदि पूरी तरह से सूने पड़े रहे।

    लासलगांव में 100 प्रतिशत रहा बंद

    नाशिक के जिला कलेक्टर के आह्वान का पालन करते हुए लासलगांव के नागरिकों ने अपनी दुकानें 100 प्रतिशत बंद रखीं। 2 दिनों तक पूरी सड़कें और गांव सूनसान रहे। तहसील में कोरोना रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और चूंकि नागरिक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, इसलिए कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सब्जी बाजार को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है। कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए, जिला कलेक्टर ने हर दिन सुबह 7 से शाम 7 बजे तक कर्फ्यू का आदेश दिया है और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शनिवार और रविवार को पूरा बंद रखा गया। वर्तमान में नाशिक जिले के ग्रामीण इलाके निफाड़ तहसील में बड़ी संख्या में मरीज पाए जा रहे हैं और नागरिकों से सावधान रहने की अपील की जा रही है।

    औद्योगिक कॉलोनी की सड़कें सूनीं

    उधर, जिले और शहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। हर दिन सैकड़ों नए पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं इसलिए सातपुर के नागरिकों ने सरकार द्वारा सातपुर-अंबड औद्योगिक इस्टेट में बंद करने के आह्वान को सकारात्मक प्रतिसाद दिया, जिसमें दुकानदारों और व्यापारियों ने अपने व्यवसाय पूरी तरह से बंद रखे। औद्योगिक कॉलोनी में आम दिनों में भी शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है, इसी के साथ बंद होने से सड़कें भी 2 दिन तक पूरी तरह से सूनी-सूनी दिखाई दी। वैसे भी औद्योगिक प्रतिष्ठानों को प्रतिबंध से छूट दी गई है और कंपनी मालिकों और प्रबंधन को सभी नियमों और विनियमों का पालन करने को कहा गया है।

    सूने रहे येवला के बाजार 

    इस बीच, येवला शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी बंद का प्रभाव देखा गया। येवला शहर के साथ-साथ तहसील के बड़े गांवों में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, अन्य सभी व्यवसायियों ने प्रशासन के आह्वान पर शनिवार और रविवार को पूरा बंद रखा। साप्ताहिक बाजार व आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। प्रशासन के आदेश को शहर में एक सहज प्रतिक्रिया मिली।