जनहित के मुद्दे पर मनसे आक्रामक, महानगरपालिका को आंदोलन की चेतावनी

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    नाशिक : जनहितों (Public Interest) के मुद्दे (Issues) पर इन दिनों मनसे बहुत ज्यादा सक्रिय दिखायी दे रही है। मनसे (MNS) ने इन दिनों रास्ते के गड्ढे और मानसूनी बीमारियों को मुद्दा बनाकर जिला प्रशासन (District Administration) को घेरना शुरू कर दिया है। एक तरफ नवनियुक्त महानगरपालिका कमिश्नर चंद्रकांत पुलकुंडवार ने शहर के रास्तों की खस्ताहाल पर अपना गुस्सा निकाला है तो दूसरी ओर मनसे भी इस मुद्दे पर काफी आक्रामक दिखाई दे रही है। मनसे ने रास्तों के गड्ढों के साथ ही मानसूनी रोगों से निपटने के लिए क्या-क्या का गया है, इस ओर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। डेगु, स्वाइन फ्लू के नियंत्रण के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मनसे की ओर से महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त अशोक आत्राम के केबिन के बाहर  नारेबाजी की और उन्हें ज्ञापन सौंपा।  ज्ञापन में शहर के रास्तों के खराब हालत के लिए दोषी अधिकारियों और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गई है। 

    लगातार जारी वर्षा के कारण नाशिक महानगरपालिका की हद में आने वाले रास्तों की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है। रास्ते खराब क्यों हुआ, इसका जवाब मनसे पदाधिकारियों ने अतिरिक्त आयुक्त से की है। राज्य सरकार के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग को रास्ते और उससे संबंधित और महानगरपालिका के लिए जरूरी नियमावली के आधार पर रास्ते बनाते वक्त ठेकेदारों की ओर से लेना जरूरी है, लेकिन ठेकेदार ऐसा नहीं करते जिसके परिणाम स्वरूप रास्तों की हालत हर साल खराब होती चली जा रही है। 

    सड़कों की बदहाली से लोगों को हो रही परेशानी

    अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से हर वर्ष मानसून से पहले बड़े पैमाने पर सड़कों का डामरीकरण किया जाता है और मानसून के बाद सड़क मरम्मत कार्यों के लिए नए टेंडर जारी किए जाते हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, राज ठाकरे के कार्यकाल में यानी ठेकेदारों को सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर जो सख्त निर्देश दिए गए थे, उस समय सड़कों की स्थिति अच्छी थी, लेकिन बाद के दौर में सड़कों के काम की गुणवत्ता की अक्षम्य उपेक्षा के कारण नासिक के नागरिकों को पहली बारिश में ही शहर की लगभग सभी सड़कों की हालत खराब होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। संबंधित विभाग के कार्यों की जांच कर यदि इस संबंध में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत हो तो नागरिकों के टैक्स के पैसे का इस तरह से गबन करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। 

    इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा 

    अतिरिक्त महानगरपालिका कमिश्नर को ज्ञापन सौंपते समय मनसे के पदाधिकारी, महिला प्रदेश उपाध्यक्ष सुजाता डेरे, संतोष पिल्लै को गंभीरता से लेना चाहिए और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, अन्यथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक जन आंदोलन आयोजित करेगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन रहेगा। मनसे के प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप अवार, गणेश मोरे, संदेश जगताप, ललित वाघ विजय अहिरे, योगेश पल्लेकर, प्रमुख संगठन और अध्यक्ष जिला उपाध्यक्ष शहर उपाध्यक्ष विजय अहिरे, सचिन सिन्हा, अक्षय खंड्रे, विजय आगले, सत्यम खंडाले, नितिन साल्वे, भाऊसाहेब निमसे, विक्रम कदम, एड. रतन कुमार, शहर अध्यक्ष दिलीप दातीर, कौशल पाटिल, जिला अध्यक्ष निखिल गुंजाल मंडल कांके गौरव निमसे अभिगोसवी, परेश पाटिल गोसावी आदि उपस्थित थे।