Maharashtra: Ajit Pawar said - people must follow covid rules and not force the government to shut down everything
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    – वसीम रज़ा खान

    नाशिक : राज्य (State) में 18 महानगर निगमों (Municipal Corporations) के चुनाव (Election) एक बार फिर टलेंगे। ऐसा स्पष्ट संकेत उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) अजित पवार (Ajit Pawar) ने दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि पहले ओबीसी की जनगणना (OBC Census) होगी फिर राज्य में महानगरपालिकाओं के चुनाव की धूम होगी। मालूम हो कि राज्य सरकार अगले मार्च तक ओबीसी की जनगणना पूरी करने की तैयारी कर रही है। वर्तमान में ओबीसी आरक्षण ने राज्य सरकार के लिए एक बड़ी दुविधा पैदा कर दी है।

    ओबीसी आरक्षण के बिना आयोग ने नगर पंचायत चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इसलिए ओबीसी समुदाय में भारी रोष है। कई गांवों में सरकार विरोधी संकेत बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, अन्य दलों ने बार-बार कहा है कि ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं होना चाहिए। 18 महानगर निगमों, नगर पालिकाओं, जिला परिषदों और पंचायत समिति के चुनाव फरवरी-मार्च में होंगे। इसलिए राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है। ओबीसी आरक्षण मिलने के बाद ही इस चुनाव को कराने की तैयारी चल रही है।

    अजित पवार ने क्या कहा ?

    उपमुख्यमंत्री अजित पवार जलगांव जिले के दौरे पर थे। इस बार उन्होंने अप्रैल के अंत या मई में महानगरपालिका के चुनाव होने की भविष्यवाणी की है। सरकार मार्च तक ओबीसी जनगणना को पूरा करने की योजना बना रही है। उसके बाद फिर से वार्ड गठन और आरक्षण जारी किया जाएगा। उन्होंने संकेत दिया है कि इसके बाद ही ये चुनाव होंगे। साथ ही राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव स्थगित करने को कहा है। इसलिए चल रहे नगर पंचायत चुनाव के अलावा अन्य चुनाव भी जल्द होने की संभावना है।

    क्या व्यवस्थापक नियुक्त होंगे ?

    सुप्रीम कोर्ट भी जनवरी में ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई कर रहा है। ऐसे में इस चुनाव का नतीजा आ सकता है। फिलहाल महानगरपालिका का जो कार्यकाल समाप्त होने वाला है, उस पर चर्चा है कि कार्यकाल बढ़ाया जाएगा या प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। संभवत: राज्य सरकार इस स्थान पर प्रशासक की नियुक्ति कर सकती है। प्रशासक की नियुक्ति से राज्य सरकार को भी लाभ होगा। चुनाव भी आसान हो सकते हैं।

    ओमीक्रोन की चिंता 

    वर्तमान में, ओमीक्रोन वायरस के रोगियों की संख्या खतरनाक दर से बढ़ रही है। इसलिए चाहे वह मौजूदा नगर पंचायत चुनाव हो या नगर निकाय चुनाव। इन दोनों चुनावों में कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। चुनाव में थोड़ा संयम रखने और कोरोना के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है। नहीं तो ये चुनाव निश्चित रूप से महंगे होंगे। इससे बचने के लिए चुनाव प्रचार में शामिल सभी लोगों को मास्क पहनना चाहिए। दूसरों को भी मास्क का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें। सुरक्षित दूरी बनाएं  रखने और गांव में टीकाकरण पर जोर देने की जरूरत है।