corona-omicron
File Photo

    Loading

    नाशिक : पिछले बाईस महीनों (Months) से कोरोना मरीजों (Corona Patients) को सेवा देने वाले महानगरपालिका अस्पताल (Municipal Hospital) के अनेक कर्मी कोरोना (Corona) के चपेट में आए है। इसका परिणाम मरीजों के सेवा पर होते हुए देखने को मिल रहा है, लेकिन चिकित्सा विभाग (Medical Department) ने इस विषय पर चुप्पी साधी है। कठडा परिसर के डॉ. झाकिर हुसेन अस्पताल, नाशिकरोड के नए बिटको अस्पताल, मोरवाडी के श्री स्वामी समर्थ अस्पताल, पंचवटी स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल आदि महानगरपालिका के 4 बड़े अस्पताल है।

    पिछले बाईस महीनों से कम कर्मियों की मदद से कोरोना मरीजों को अपनी सेवा दे रहे है। एक कर्मी 2 से 3 मरीजों को सेवा दे रहा है, लेकिन महानगरपालिका नए कर्मी उपलब्ध करने में असमर्थ है। इस स्थिति में अत्यावश्यक सेवा के रूप में अस्पताल कर्मी कार्य कर रहे है, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर में मरीजों की संख्या 2 हजार से अधिक हुई है। महानगरपालिका के अस्पताल में मेडिकल सेवा देने वाले कर्मी कोरोना के चपेट में आ रहे है, जिसका परिणाम सेवा पर हो रहा है। प्रत्येक अस्पताल के 15 से 20 कर्मी कोरोना संक्रमित है। इसका कोई ठोस विकल्प चिकित्सा विभाग के पास नहीं है।

    अब, कोरोना की पृष्ठभूमि पर महानगरपालिका के चिकित्सा विभाग के 348 रिक्त पद भरने के लिए नगर विकास विभाग ने मंजूरी दी है। चिकित्सा अधीक्षक, निवासी चिकित्सा अधिकारी, सहायक चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, वैद्यकशास्त्र तज्ञ, शल्यचिकित्सक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, क्ष-किरण विशेषज्ञ, बधिरीकरण विशेषज्ञ, अस्थिव्यंग विशेषज्ञ, नेत्र शल्य चिकित्सा, हेड नर्स, स्टाफ नर्स, एएनएम, मिश्रक, प्रयोगशाला तंत्र विशेषज्ञ, वॉर्ड बॉय आदि रिक्त पद भरने की मांग हो रही है।