पीने योग्य नहीं नाशिक जिला अस्पताल का पानी, दो माह से आ रही है शिकायत

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    नाशिक: जिला सरकारी अस्पताल का पानी पिछले 2 माह से पीने योग्य न होने की बात सामने आई है। जिला स्वास्थ्य प्रयोगशाला ने पानी का नमूना लिया था जिसमें सूक्ष्मजीव होने की बात सामने आई है। लापरवाही और अस्वच्छता के चलते मरीज ही नहीं, बल्कि उनके रिश्तेदार, नागरिक और अस्पताल कर्मचारी दूषित पानी का सेवन कर रहे हैं। इसके चलते इन सभी का स्वास्थ्य खतरे में आ गया है। 

    मरीज विश्वास रखते हुए जिला सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए आते हैं। मरीजों पर सही तरह से उपचार हो इसलिए डॉक्टर्स, सेवाधर्मी परिचारिका और आरोग्य कर्मचारी ध्यान देते हैं, लेकिन इसी अस्पाताल का पानी पीने के लिए अयोग्य होने की बात सामने आई है। दूषित पानी से कई बीमारी होती है। उपचार के लिए आने वाले या दाखिल होने वाले मरीज, उनके रिश्तेदार अस्पताल का अशुद्ध पानी पीते हैं। 16 सितंबर को अस्पताल के पीने के पानी के नमूने जिला स्वास्थ्य प्रयोगशाला के पास जांच के लिए भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन को 22 सितंबर को मिली।

    इन विभागों का भी पानी पीने के लिए अयोग्य

    पानी भंडारण टंकी, किचन विभाग, दुर्घटना विभाग, शस्त्रक्रिया विभाग, बाह्य मरीज विभाग, रक्तपेठी विभाग, इंफेक्शन विभाग, क्षय रोग विभाग, नर्सिंग हॉस्टेल का पानी भी पीने के लिए अयोग्य है। नेत्र रोग, स्वाइन फ्लू विभाग, कोरोना कक्ष का पानी भी पीने के लिए सही न होने की बात स्पष्ट की गई है। पीने के लिए अयोग्य पानी पर सही तरह से क्लोरिन की प्रक्रिया करें। सूक्ष्मजीव दोबारा जांच कर पानी योग्य सही होने की बात स्पष्ट होने के बाद भी पानी का पीने के लिए उपयोग करें। केवल 3 जगह का ही पानी पीने योग्य होने की बात रिपोर्ट में स्पष्ट की गई है। 

    कमजोर हो गई है पानी की टंकी

    जिला सरकारी अस्पताल की मुख्य इमारत के पिछले पानी की टंकी है। यह टंकी जीर्ण हो गई है। इसकी नींव टूटने से टंकी पर चढ़ना असंभव है। टंकी के पास लोहे के टॉवर के माध्यम से सीढ़ियों की व्यवस्था है, लेकिन यह टंकी नियमित स्वच्छ करना, टंकी के आस-पास का परिसर स्वच्छ, दूषित पानी न पहुंचे आदि के साथ पानी पर सही क्लोरिन की प्रक्रिया करना आवश्यक है। साथ ही सभी जगह के पानी के नमूने लिए जाते है, जिसे कौन लेता है? नमूने लेने का पंजीकरण लिया जाता है या नहीं? आदि सवाल अब खड़े हो गए हैं।