All senior employees of Manpa will get promotion

    Loading

    नासिक : महानगरपालिका कानून में होने वाले प्रावधान के तहत 20 फरवरी तक किसी भी टैक्स (Tax) बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्थायी समिति की मंजूर अनिर्वाय होती है, लेकिन इस तिथि तक प्रशासन की ओर से टैक्स बढ़ोतरी को लेकर कोई भी प्रस्ताव स्थायी समिति में पेश नहीं किया। परिणामस्वरूप नासिक वासियों (Nashik Residents) को टैक्स बढ़ोतरी से मुक्ति मिली। महानगरपालिका में 2023-24 के लिए बजट (Budget) बनाने की तैयारी शुरू है, जिसे सोमवार, 27 फरवरी को महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार स्थायी समिति को पेश करने वाले है। दूसरी ओर 2022-23 इस आर्थिक वर्ष के बजट में होने वाली कमी 500 करोड़ तक पहुंच गई है।

    चालू आर्थिक वर्ष की आय में 500 करोड़ रुपए की कमी होने के बाद भी नए बजट में संभावित टैक्स बढ़ोतरी का संकट टल गया है। महानगरपालिका में दो महीने से 2022-23 इस आर्थिक वर्ष के सुधारित और 2023-24 इस आर्थिक वर्ष का बजट बनाने की तैयारी शुरू है। महानगरपालिका कानून में किए गए प्रावधान के तहत महानगरपालिका कमिश्नर प्रारूप बजट के माध्यम से जमा और खर्च की तुलना कर स्थायी समिति को बजट पेश करते है। स्थायी समिति की ओर से बजट तैयार कर उसे अंतिम मंजूरी के लिए महासभा में पेश किया जाता है। महानगरपालिका में पिछले एक वर्ष से प्रशासकीय राजवट होने से महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. पुलकुंडवार स्थायी समिति को बजट पेश करेंगे और प्रशासक के रूप में डॉ. पुलकुंडवार यही बजट स्थायी समिति और महासभा की अंतिम मंजूरी देने वाले है।

    दूसरी ओर जमा-खर्च की तुलना करते हुए महानगरपालिका के टैक्स रचना में सुधार करेंगे। परंतु इस अवसर का समय खत्म हो गया है। महानगरपालिका कानून में होने वाले प्रावधान के तहत टैक्स और टैक्स बढ़ोतरी से पहले इस बारे में बनाए गए प्रस्ताव को आर्थिक वर्ष शुरू होने से पहले 20 फरवरी से पहले स्थायी समिति की मंजूरी अनिवार्य है। परंतु सोमवार, 20 फरवरी तक टैक्स और जलापूर्ति इन दोनों विभागों ने टैक्स बढ़ोतरी का प्रस्ताव स्थायी समिति को पेश नहीं किया। इसलिए बजट के माध्यम से होने वाली टैक्स बढ़ोतरी टल गई है। 

    दिन ब दिन बढ़ रही है आय की कमी

    महानगरपालिका की आय में पिछले दो सालों से परिणाम हुआ है। 2022-23 के खत्म होने वाले आर्थिक वर्ष के लिए पूर्व महानगरपालिका कमिश्नर ने 2 हजार 227 करोड़ रुपए का बजट स्थायी समिति को पेश किया था। स्थायी समिति ने इस बजट में 339 करोड़ 97 लाख रुपए बढ़ाने से बजट 2 हजार 567 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। परंतु स्थायी का बजट मंजूर होने से पहले महानगरपालिका मे प्रशासकीय राजवट लागू हुई। इसके चलते कमिश्नर का ही बजट कायम रहा। परंतु इस वर्ष में खर्च और आय का तालमेल गड़बड़ा गया। परिणामस्वरूप चालू आर्थिक वर्ष की आय में 400 करोड़ से 500 करोड़ रुपए तक पहुंची।