-शैलेंद्र सिंह
शिर्डी: शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) राज्य में बड़े उद्योगों को नहीं रोक सकी। डेढ़ से दो लाख युवाओं को रोजगार (Employment) देने वाले बड़े उद्योग और परियोजनाएं राज्य से बाहर चली गई हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने दावा किया कि राज्य में लाखों करोड़ रुपए का निवेश नहीं हो सका, इसलिए इस सरकार के खिलाफ युवाओं में रोष व्याप्त हैं।
शिर्डी में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में शामिल होने के लिए पहुंचे अजीत पवार शिर्डी पहुंचे और शिविर में शामिल होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसलिए पहली बार सरकार ने विभागीय स्तर पर जाकर जॉब सर्टिफिकेट बांटे। इससे पहले हमारे कार्यकाल में भी हजारों युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली थी। 65 हजार युवाओं को पुलिस बल में भर्ती किया गया, लेकिन इस प्रकार का दिखावा करने की जरूरत कभी नही पड़ी।
पंचनामा के लिए अधिकारी किसानों से मांग रहे हैं पैसे
अजीत पवार ने कहा कि भारी बारिश से प्रभावित किसानों को मदद मिलने की कोई भी अनुकूल परिस्थिति नजर नहीं आ रही, सिर्फ घोषणाबाजी की जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नुकसान से प्रभावित किसानों का पंचनामा करने के लिए सरकारी अफसर पैसे मांग रहे हैं। भारी बरसात से हुए नुकसान से किसान अभी तक उबर नहीं सके हैं, उनके हालत खराब हैं।
जब तक विधायकों की संख्या 145, तब तक बनी रहेगी सरकार
चिंतन शिविर के बारे में बताते हुए अजीत पवार ने कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर स्थानीय स्तर पर पार्टी की भूमिका के बारे में कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करने के लिए शिविर का आयोजन किया गया है। पवार ने यह भी कहा कि इस चिंतन शिविर में विचार मंथन कर कुछ फैसले लिए जाएंगे। जयंत पाटिल के चिंतन शिविर के बाद शिंदे सरकार के गिरने वाले बयान पर को दरकिनार करते हुए अजीत पवार ने कहा कि जब तक एकनाथ शिंदे के पास 145 सदस्यों का समर्थन है, सरकार बनी रहेगी।
अस्पताल से जुड़े शरद पवार
एनसीपी चीफ के अस्पताल में भर्ती होने के चलते कार्यकर्ताओं में थोड़ी मायूसी जरूर देखी जा रही थी, लेकिन एनसीपी प्रमुख अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद, इस चिंतन शिविर में ऑनलाइन जुड़े हुए हैं। अजीत पवार ने कहा कि शरद पवार शिर्डी शिविर में शामिल हो सकें इसलिए उन्हें दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन अस्पताल से छुट्टी न मिलने के चलते वे प्रत्यक्ष रूप से शिविर में नहीं आ सकें। उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल से शरद पवार को छुट्टी मिल जाती है तो वे समापन समारोह में अवश्य शामिल होंगे। यदि अस्पताल से छुट्टी नहीं मिली तो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनका भाषण होगा।