Health Ministry urges community radio center to spread awareness about Covid-19 vaccine
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    नाशिक : कोरोना (Corona) के ओमिक्रोन विषाणू (Omicron Virus) के कारण महानगरपालिका (Municipal Corporation) और स्वास्थ्य विभाग (Health Department) हडबडाकर नींद से बाहर आया है। शहर के 6 केंद्र पर नीडल फ्री टीकाकरण शुरू हो गया है। इसके लिए महानगरपालिका ने 20 मशीन (Machines) को नियोजन किया है। 50 कर्मियों (Personnel) को प्रशिक्षण दिया गया है। नाशिक जिले में शुरूआती दौर में तेजी से टीकाकरण हुआ, लेकिन कई लोगों ने इंजेक्शन के डर से टीका लेने के लिए टालमटोल की।

    राज्य में इसके अनेको उदाहरण देखने को मिले, जिसे ध्यान में रखकर स्वास्थ्य विभाग ने टीके का प्रतिशत बढ़ाने के लिए नया पायलट प्रोजेक्ट बनाया है। इसके लिए नाशिक और जलगांव जिले में नीडल फ्री टीकाकरण किया जाएगा। नाशिक जिले में वर्तमान में कोविशिल्ड, कोवैक्सीन और स्पूटनिक का टीका लगाया जा रहा है। अब, नीडल फ्री के रूप में ‘झायकोव-डी’ के तीन टीके लगाए जाएंगे। एक मशीन की मदद से यह टीके लगाए जाएंगे। त्वचा पर मशीन रखा जाएगा। इसके बाद बिना निडल का उपयोग करते हुए टीके के घटक शरीर में छोड़े जाएंगे। इस टीके की प्रभावशीलता 66.60 प्रतिशत है। इस टीके की तीन मात्रा दी जाएगी, जो त्वचा के उपरी हिस्से में दी जाएगी। पहला टीका लगाने के बाद 28 दिनों में दूसरा और 56 दिनों के बाद तीसरा टीका लगाया जाएगा। केंद्र सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन करने के बाद नाशिक और जलगांव जिले में प्रत्येकी 8 लाख डोस दिए जाएंगे।

    नाशिक में 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ है

    नाशिक में बढ़ रहे कोरोना के मरीज और ओमिक्रोन की विषाणू के डर के कारण शहर में चारों पहर टीकाकरण शुरू रखा जाएगा।  इसके लिए नाशिकरोड स्थित शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे अस्पताल में सुविधा उपलब्ध की गई है। जहां पर कोवैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है। वर्तमान में नाशिकरोड के खोले मला, वडनेर दुमाला, जेलरोड, सिन्नर फाटा, उपनगर, गंधर्वनगरी और परिसर में सुबह 9 से शाम 5 बजे तक टीकाकरण हो रहा है। नाशिक में 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ है। 11 महिने पुर्ण हुए है। इसमें 18 वर्ष के 13 लाख 63 हजार नागरिक टीकाकरण के लिए पात्र है। इसमें से 11 लाख 87 हजार नागरिकों ने टीके का पहला टीका लगाया है, लेकिन अब तक पावणे दो लाख नागरिक टीकारण केंद्र की ओर भटके नहीं है। इससे प्रशासन सक्ते में है। इसके अलावा एक लाख लोगों ने दूसरा टीका नहीं लगाया है। इसलिए प्रशासन अधिक टीकाकरण करने पर जोर दे रहा है।