डॉक्टरों की लापरवाही से हुई नवविवाहिता की मौत, मुंबई में चल रहा था इलाज

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    चांदवड़ : तहसील की नवविवाहिता (Newlyweds) की प्रसूती के बाद इलाज (Treatment) के दौरान अस्पताल (Hospital) में मौत हुई। उसकी मौत के लिए डॉक्टर (Doctor) जिम्मेदार होने का आरोप करते हुए मृतक के आक्रोशित परिजन शव सहित एम्ब्युलन्स लेकर पुलिस स्टेशन में पहुंचे। दोषियों के खिलाफ जब तक प्रकरण दर्ज नहीं होता तब तक शव पर अंतिम संस्कार न करने की बात कही। इसके बाद परिसर में दिनभर तणाव फैला रहा। सूत्रों ने बताया कि, मृतक महिला का नाम तहसील के मंगरूल निवासी प्रियंका विकी निरभवणे (24) है। मुंबई स्थित एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। मृतक के परिजनों के अनुसार डॉक्टरों के गलत इलाज के कारण प्रियंका की मौत हुई।

    इसके बाद आक्रोशित परिजन मृतक का शव लेकर सीधे पुलिस स्टेशन में पहुंचे। प्रियंका पर शल्यक्रिया करने वाले चांदवड़ और पिंपलगांव बसवंत के निजी अस्पताल के वैद्ययकिय अधिकारी के खिलाफ तत्काल प्रकरण दर्ज करने की मांग की। पुलिस निरीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए कहा, प्रियंका पर विगत तीन महीने से इलाज किया जा रहा था। इसके बाद प्रकृति अधिक गंभीर होने के बाद उसे मुंबई के अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। चांदवड़ और पिंपलगांव बसवंत में इलाज के दौरान लापरवाही होने का आरोप किया गया। इलाज के रूप में अस्पताल ने उनके पास से लाखों रुपए वसूले। मृतक के परिजन सुबह 11 बजे लेकर देर तक पुलिस स्टेशन में बैठे रहे। अप्पर पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत खांडवी, उपविभागीय पुलिस अधिकारी समीरसिंह सालवे सहित पुलिस निरीक्षक समीर बारवकर ने रिश्तेदारों से चर्चा की, लेकिन वह सुनने के लिए तैयार नहीं थे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए परिसर में राज्य आरक्षित दल की टुकड़ी सहित अन्य बंदोबस्त तैनात किया गया। 

    रिपोर्ट के बाद कार्रवाई

    इलाज के दौरान डॉक्टर अथवा अस्पताल दोनों में से किस की लापरवाही हुई, इसके कारणों की जांच वैद्यकिय विशेषज्ञों की समिति करती है। नियमों के अनुसार आगे की कार्रवाई करने के लिए सरकारी आदेश है। जिला स्तर की समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अगली कार्रवाई सुनिश्चित होगी। – (चंद्रकांत खांडवी, अप्पर पुलिस अधीक्षक, मालेगांव)। 

    भाष्य करना उचित नहीं

    प्रियंका निरभवणे की मौत का कारण गहराई से जांच के बाद सामने आएगा। मैं और अन्य सहयोगी दोपहर दो बजे से लापरवाही की जांच कर रहे है। समिति सदस्य मामले की जांच करेंगे। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक कोई भाष्य करना उचित नहीं होगा। – (डॉ. अशोक थोरात, जिला शल्य चिकित्सक, जिला सरकारी अस्पताल, नाशिक)।