नाशिक. ऑक्सीजन (Oxygen) के अभाव में देश में एक भी नागरिक की मौत न होने का दावा केंद्र सरकार (Central Government) ने किया है, लेकिन नाशिक (Nashik) के डॉ. झाकीर हुसेन (Dr. Jhakir Hussain)अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति (Oxygen Supply) खंडित होने से 22 मरीजों की मौत होने की घटना अभी भी ताजी है। यह घटना को छोड़कर ऑक्सीजन कि उपलब्धता के अभाव में जिले में किसी भी मरीज की मौत न होने का दावा स्वास्थ्य विभाग ने किया।
महानगरपालिका के डॉ. झाकीर हुसेन अस्पताल में ऑक्सीजन की टंकी से रिसाव होने से 22 कोविड मरीजों की मौत हुई थी। इस दुर्घटना को तीन महिने पूर्ण हुए है। 21 अप्रैल को यह दुर्घटना हुई थी। ऑक्सीजन आपूर्ति खंडित होने से वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर निर्भर 22 मरीजों की मौत हुई थी। पोर्टल पर देरी से पंजीकरण होने से मृतकों की संख्या में वृद्धि हुई थी। जिले में अब तक करिब साढ़े आठ हजार कोरोना मरीजों की मौत हुई है। अप्रैल माह नाशिकवासियों के लिए प्रताड़ित करने वाला साबित हुआ। इस महिने में नागरिकों को बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिवर जैसी दवाओं के लिए भागादौड़ी करनी पड़ी।
अगस्त में कार्यान्वित होगा ऑक्सीजन प्लांट
ग्रामीण परिसर में ऑक्सीजन कि सुविधा नहीं है। इसलिए शहर में बेड मिलने की उम्मीद में सैंकड़ों लोग दाखिल हुए। जिन्हें अस्पतालों में बेड प्राप्त करने के लिए कई तरह से मेहनत करनी पड़ी। कोरोना की तीसरी लहर में ऑक्सीजन के आभाव में किसी की भी मौत न हो इसलिए अधिक से अधिक ऑक्सीजन प्लांट निर्माण करने का प्रयास किया गया। अगस्त माह के आखिर तक अधिकांश प्लांट कार्यान्वित होने की उम्मीद वरिष्ठ अधिकारियों ने जताई है।