नासिक : नासिक जिले (Nashik District) के किसानों (Farmers) ने इस वर्ष गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) का पर्व कुछ अलग तरह से मनाया। इस वर्ष गुड़ी पड़वा के अवसर पर घर के ऊपरी हिस्से में उभारी जाने वाली गुड़ी को खेत में उभार कर सरकार (Government) को यह बताने की कोशिश की किसानों अपने खेतों की खुशहाली चाहते हैं। गुड़ी पर माले की जगह प्याज, अंगूर समेत अन्य नष्ट हुई फसलों को नुकसान भरपाई करने की गुहार लगाई।
जिले के कई हिस्सों में कृषि विभाग ने क्षतिग्रस्त इलाकों में पंचनामा करना शुरू कर दिया है, लेकिन कुछ इलाकों में अभी- भी स्थिति जस की तस है और किसानों का चेहरा रूहासा हो गया है। गुड़ी पड़वा पर्व के दिन जिले के किसानों ने खेत में गुड़ी खड़ी कर सरकार से पूछा कि किसानों को न्याय कब मिलेगा।
बर्बाद हुई फसलों का पंचनामा कब होगा?
कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने देर रात नासिक जिले का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने जिले के कुछ गांवों का दौरा किया। स्थानीय किसानों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पूरी तरह से बिना दस्तावेज के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। किसानों ने सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर उनकी बर्बाद हुई फसलों का पंचनामा कब होगा और कब तक उन्हें सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलेगी। गुड़ी पड़वा का पर्व हर जगह बड़े उत्साह के साथ मनाया गया, लेकिन नासिक जिले की येवला तहसील के परेगांव के युवा किसान वैभव खिलारे ने अपने प्याज के खेत में गुड़ी पर प्याज, अंगूर और मिर्च की माला रखकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शित किया। येवला तहसील के एक युवा किसान वैभव खिलारे ने ‘कांधिया काले केतशर ने बांधा’ की सामग्री के साथ एक साइन बोर्ड लगाकर एक अनूठी गुड़ी स्थापित की है।
इस किसान ने गुड़ी पर अनोखा बोर्ड लगाकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है, प्याज का गारंटी मूल्य दो, बारिश से नष्ट हुई फसल, कृषि उपज का मूल्य दो। इस मौके पर खिलारे ने कहा कि आज न प्याज का भाव है, न आलू का भाव है, न किसी सब्जी का भाव है। मेरे पिता की सरकार को तुरंत किसानों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिन लोग घर में गुड़िया लगाते हैं, लेकिन आज मैंने खेतों में गुड़ी खड़ी की और सरकार से कृषि उपज का उचित मूल्य दिलाने की गुहार लगाई।
सरकार ने हमारा मजाक उड़ाया
उधर, खिलारे की मां संगीता खिलारे ने कहा कि किसान वर्ष भर खेती करते हैं, लेकिन आज किसी भी कृषि फसल का कोई मूल्य नहीं है। किसान को कहना है कि सरकार ने हमारा मजाक उड़ाया है और केवल साढ़े तीन सौ रुपए की सब्सिडी दी है। किसानों का कहना है कि इतना खर्च करना, इतनी मेहनत करने के बाद भी किसानों के हाथ कुछ नहीं लगता। गुड़ी पड़वा के मौके पर हर घर में मीठा बनाया जाता है। लेकिन किसान के घर में कुछ नहीं है? इसलिए किसानों ने खेत में ही गुड़ी लगाई।