प्याज विक्रेताओं का 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन बिक्री बंद आंदोलन!

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    नाशिक : प्याज (Onion) की कीमतें (Prices) व्यापक असर डालती है, प्याज की कीमतें जब घटी तो भी असर डाला और जब घटी तो भी असर डाला है। इन दिनों प्याज उत्पादक बहुत कम भाव मिलने से खासे मायूस आ रहे हैं। प्याज को भाव न मिलने से परेशान प्याज उत्पादकों (Onion Growers) ने 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन प्याज बिक्री बंद आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ ने चेतावनी दी है कि अगर प्याज को 25 रुपए प्रति किलो की औसत कीमत नहीं मिली तो 16 अगस्त से प्याज की बिक्री बंद कर देंगे। 

    महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संघ ने कहा है कि प्याज के भाव उत्पादन लागत से कम होने के कारण पिछले सात महीने से किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है, जबकि राज्य और केंद्र सरकार ने प्याज उत्पादकों की इस समस्या की ओर अनदेखी की है। विदेशी प्याज आयात करने, प्याज व्यापारियों पर छापा मारने, प्याज के स्टॉक को सीमित करने जैसे विभिन्न हथकंडों का उपयोग करके प्याज की कीमतों को कम करने का षड्यंत्र रचा गया है। 

    सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया

    खास बात यह है कि प्याज उत्पादकों से कौड़ी मूल्य में प्याज खरीद कर उसे सरकार काफी मुनाफा कमा रही है। सरकार किसानों की पूरी तरह से अनदेखी कर रही है। प्याज के मुद्दे पर विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। प्याज को भाव न मिलने के मुद्दे पर महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ और राज्य के विभिन्न किसान संघों ने भी आवाज उठाई है और राज्य और केंद्र सरकार के साथ पत्राचार के माध्यम से और प्याज परिषद के माध्यम से भारत बंद समेत कई आंदोलन किए लेकिन सरकार ने उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया। प्याज की कीमतों को बढ़ाने की दृष्टि से कोई विचार ही नहीं किया। 

    एक तरफ जहां किसानों के प्याज को मंडी समिति में दाम मिल रहा है, वहीं इस वर्ष नाफेड से ढाई लाख टन प्याज की खरीदी हुई। लेकिन, नाफेड ने भी किसानों से 10 से 12 रुपए प्रति किलो प्याज खरीदकर किसानों के जख्मों पर नमक ही रगड़ा है। प्याज की उत्पादन लागत जहां 20 से 22 रुपए प्रति किलो हुआ करती थी, वहीं अब प्याज पर किसानों को पिछले कुछ महीनों से औसतन 8 से 10 रुपए प्रति किलो ही मिल रहा है। 

    अच्छी कीमत नहीं मिलने से प्याज उत्पादक परेशान

    किसानों ने अप्रैल से मई तक प्याज का भंडारण किया था। पिछले महीने जिले में ही भारी बरसात के कारण प्याज को भारी नुकसान पहुंचा, इसलिए प्याज उत्पादक प्याज जल्दी से जल्दी बेचना चाहते हैं। प्याज मंडी समिति में प्याज को अच्छा भाव न मिलने से प्याज उत्पादक वैसे ही परेशान हैं, ऊपर से जिले में हो रही भारी वर्षा के कारण प्याज को सुरक्षित रखना भी उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, दूसरे शब्दों में कहें तो प्याज उत्पादक इन दिनों दोहरा नुकसान सहन कर रहा है, ऐसे में महाराष्ट्र की सभी मंडी समितियों में किसानों के प्याज की नीलामी औसतन 25 रुपये प्रति किलो की दर से करने की मांग की है, अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो 16 अगस्त 2022 से महाराष्ट्र में प्याज उत्पादक किसान अनिश्चित काल के लिए प्याज बेचना बंद कर देंगे। 

    जब खाद का एक थैला 500 रुपए का था तो प्याज 10 रुपए प्रति किलो था और आज 1500 रुपए प्रति बोरी होने पर भी प्याज सिर्फ 10 रुपए प्रति किलो है।  लेबर चार्ज 200 रुपए से 250 रुपए, वाहन का किराया 400 रुपए से 600 रुपए, स्प्रिंकलर 250 रुपए से 500 रुपए प्रति एकड़, प्याज की बोरी 25 रुपए से 40 रुपए और प्याज 10 प्रति किलो बेची जा रही है, आखिर ऐसा क्यों। यह नुकसान कब तक सहन किया जाएगा। -(महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संघ, नाशिक)