नाशिक : कोरोना (Corona) को देखते हुए जिला परिषद (Zilla Parishad) के स्थाई समिति सहित विभिन्न विषय समिति की बैठक ऑनलाइन (Online) करने का आदेश देने वाला प्रशासन (Administration) खुद नियमों का पालन नहीं कर रहा है। जिला परिषद प्रशासन (Zilla Parishad Administration) ने गुरुवार को सप्तश्रृंगीगढ़ पर गंदे पानी की व्यवस्था और प्लास्टिक मैनेजमेंट को लेकर बैठक की। इसे लेकर सदस्यों ने सवाल किया कि केवल जिला परिषद के लिए ऑनलाइन सभा करने का नियम है क्या। इस तरह से सदस्यों ने प्रशासन के दोहरे मापदंड पर नाराजगी जताई।
जिला परिषद की सीईओ लीना बनसोड ने गढ़ पर बैठक की। राज्य सरकार के 8 जनवरी के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सरकारी बैठक ऑनलाइन की जाए। इससे पूर्व 6 जनवरी के आदेश और निर्देश पर जिला परिषद के विभाग प्रमुखों ने सप्तश्रृंगी के गढ़ पर जाकर ठोस कचरा मैनेजमेंट की बैठक की। इस पर सदस्यों ने सवाल किया कि कोरोना प्रतिबंधित नियम लागू नहीं है क्या।
बैठक में अधिक लोग मौजूद नहीं थे। वहां जाकर हमने ऑनलाइन बैठक की।
– आनंद पिंगले, डिप्टी सीईओ, जिला परिषद, नाशिक।
इस बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के डिप्टी सीईओ आनंदराव पिंगले, ग्रामीण विकास के प्रोजेक्ट डायरेक्टर उज्वला बावके, ग्राम पंचायत के डिप्टी सीईओ रवींद्र परदेशी, वाटर सप्लाई और स्वच्छता विभाग के दीपक चाटे सहित गुट विकास अधिकारी नीलेश पाटिल, सरपंच रमेश पवार, ट्रस्ट के व्यवस्थापक सुदर्शन दहातोंडे, रोपवे के राजीव लुंभा, ग्राम पंचायत सदस्य संदीप बेनके, राजेश गवली, ग्राम सेवक संजय देवरे आदि उपस्थित थे।