
निफाड : अप्रैल का महीना लगते ही तापमान 35 से 40 डिग्री तक पहुंच जाता है। इस वर्ष की सर्दी बहुत यादगार नहीं रही, लेकिन गर्मी की तीव्रता अभी ले ही बड़े पैमाने पर महसूस की जाने लगी है। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने कहा है कि इस वर्ष गर्मी और भी तेज होगी। आम नागरिकों ने इसका अनुभव भी करना शुरू कर दिया है। इस वर्ष भीषण गर्मी (Summer) से सबसे ज्यादा नुकसान पशु-पक्षियों को होने वाला है। पक्षियों की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। भोजन और पानी की तलाश करने वाले पक्षी दलों को इस गर्मी में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। गर्मी के मौसम में कई नागरिक लू से सहमे हुए चिकित्सा देखभाल और इलाज के लिए अस्पताल की ओर जाते नजर आ रहे हैं।
बुखार बढ़ने से आज कल सभी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है क्योंकि मौसम में आए अचानक बदलाव का सबसे पहले असर शरीर पर पड़ता है और इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। सूरज से बचने के लिए नागरिकों के हाथों में छाता और सिर पर टोपियां नजर आने लगी हैं, वहीं, गर्मी की तपिश से शरीर के तापमान को स्थिर रखने के लिए शहर में गन्ने के रस, शरबत और कोल्ड ड्रिंक की बिक्री के स्टॉल बड़ी संख्या में लग गए हैं, वहीं, यह भी देखने में आ रहा है कि पीने के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था करने के लिए फ्रिज हर जगह बिक्री के लिए उपलब्ध है। जगह-जगह तरबूज और खरबूजे के स्टॉल लगे हुए हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी में बाहरी कोल्ड ड्रिंक पीना खतरनाक है, क्योंकि यह जानना मुश्किल है कि बर्फ किस पानी से बना है। इस पानी को मानव शरीर के लिए हानिकारक बताया गया है, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में विभिन्न वायरस होते हैं। इस संबंध में नागरिकों को सावधान रहने की जरूरत है। हाल ही में एच-3 एन 2 वायरस के लक्षण सामने आए हैं। कोविड भी धीरे-धीरे सिर उठा रहा है, ऐसे समय में जरूरी है कि शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाई जाए।