नाशिक में ‘पेसो’ से ऑक्सीजन प्लांट को मिली इजाजत, कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बड़ी राहत

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    नाशिक : शहर (City) के कठडा स्थित डॉ. जाकिर हुसैन (Dr. Zakir Hussain) और नाशिक रोड (Nashik Road) के नए बिटको हॉस्पिटल (Hospital) में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) बनाया गया है। इस प्लांट के लिए आवश्यक केंद्र सरकार का  पेसो परमिट मिल गया है। इससे बड़ी तकनीकी दिक्कत दूर हो गई है। 

    पिछले सप्ताह से नाशिक में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की शुरुआत हुई है। इस दौरान ओमिक्रोन का एक मरीज भी मिला है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने के स्पष्ट संकेत मिलने के बाद महानगरपालिका के मेडिकल विभाग ने स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

    कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी होने से काफी अफरातफरी का माहौल बन गया था। इस बात को ध्यान में रखते हुए महानगरपालिका कमिश्नर  कैलाश जाधव ने ऑक्सीजन की उपलब्धता, कोविड सेंटर, प्राइवेट हॉस्पिटल में बेड की स्थिति आदि जैसी महत्वपूर्ण चीजों की समीक्षा की है। ऑक्सीजन की कमी पैदा न हो इसलिए बिटको हॉस्पिटल में 19 किलो लीटर और डॉ. जाकिर हुसैन हॉस्पिटल में 13 किलो लीटर की क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया गया है।लेकिन प्लांट तब तक शुरु नहीं किया जा सकता है जब तक पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन ( पेसो) की परमिशन नहीं मिल जाती है। लेकिन अब महानगरपालिका को परमिशन मिल जाने से इ इस ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन तैयार करने का काम शुरू होगा।  

    ऑक्सीजन प्लांट को पेसो की परमिशन

    • शहर में 12 हजार 518 बेड
    • 7,109 ऑक्सीजन बेड्स
    • 659 वेंटिलेटर बेड शामिल
    • बिटको हॉस्पिटल में 100 बेड का विशेष बाल कक्ष
    • प्राइवेट हॉस्पिटल में 300 बेड की व्यवस्था
    • ऑक्सीजन का बफर स्टॉक

    कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए फिलहाल 416 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध है। इसके साथ ही 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का बफर स्टॉक होगा।

    – कैलाश जाधव, कमिश्नर, महानगरपालिका

    हुसैन और बिटको हॉस्पिटल में क्रमश: 19 और 13 केएल के दो प्लांट बनाए गए है। इसके साथ ही 22 पीएसए प्लांट तैयार किए गए है। इस प्लांट के ऑक्सीजन निर्मिती की क्षमता 23.25 मीट्रिक टन हैं। तीसरी लहर में प्रतिदिन 240 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी। प्राइवेट व सरकारी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की उपलब्धता की क्षमता 416 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए महानगरपालिका ने अलग से 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का बफर स्टॉक उपलब्ध रखा है। यह जानकारी महानगरपालिका कैलाश जाधव ने दी है।