sawargaon school

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    निफाड़:  निफाड़ तहसील (Niphad Tehsil) की उत्तरी सीमा पर सावरगांव (Savargaon) में जिला परिषद (Zilla Parishad) का स्कूल (School) है। मारुति मंदिर के पीछे ब्रिटिश स्कूल की इमारत के जीर्ण-शीर्ण होने के कारण वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत और स्कूल ने भवन का सीमांकन किया और जिला परिषद को एक नया भवन प्रस्तावित करने के लिए ज्ञापन भेजा गया, लेकिन 5 वर्ष की अवधि के बाद भी भवन निर्माण (School Building) की फाइल अग्रेषित न होने से आज भी शिक्षा के लिए छात्र (Students) यहां वहां भटक रहे हैं। उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। 

    फिलहाल ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने पतरे का शेड बनाकर और उसे कक्षाओं में बांटकर ग्राम पंचायत के 2 हेक्टेयर क्षेत्र स्कूल शुरु कर दिया। इस शेड में पहली से सातवीं तक की कक्षाएं पढ़ाई जा रही हैं। 

    मांग पूरी न होने से ग्रामीणों में आक्रोश

    ग्रामीणों के मुताबिक सन् 2015 से विद्यालय की इमारत जर्जर हो गई थी। इतना ही नहीं छात्रों को ज्ञान बांटने वाले शिक्षकों की संख्या अधूरी होने से तहसील के सांवरगांव में छात्रों का नुकसान न हो इसके लिए ग्राम पंचायत ने 2 निजी शिक्षकों की नियुक्ति करके इस समस्या का मार्ग निकाला है। ग्राम पंचायत की दी हुई 2 हेक्टर जगह पर पत्रे का शेड बनाकर स्कूल चलाया जा रहा है। तहसील के सावरगांव जिला परिषद विद्यालय की ओर लोकप्रतिनिधि, अधिकारी, शिक्षण विभाग का ध्यान न होने और ग्रामवासियों की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई जिससे ग्राम पंचायत पदाधिकारी, ग्रामवासियों में लोकप्रतिनिधि और अधिकारियों के प्रति आक्रोश है।

    दो निजी शिक्षकों के सहारे पतरे में चल रहा स्कूल

    ग्राम पंचायत सरपंच हीराबाई बाबाजी कुशारे, उप सरपंच पोपट पाटिल और ग्राम पंचायत सदस्यों ने शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़, जिला परिषद जिला परिषद की शिक्षण सभापति सुरेखा दराडे, समूह शिक्षणाधिकारी केशव तुंगार को ज्ञापन देकर अपनी समस्या बताई है, जबकि भवन का मामला लंबित है, यहां कक्षा 1 से 7 तक के लिए केवल 5 शिक्षक कार्यरत हैं और उनमें से एक अगले महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। साथ ही 2 स्नातक शिक्षकों वाले प्रधानाध्यापक का पद भी कई वर्षों से खाली है। छात्रों की पढ़ाई का कोई नुकसान न हो इसके लिए ग्राम पंचायत ने 2 शिक्षकों की नियुक्ति की है। सरकार शत-प्रतिशत साक्षर होने का कितना भी दावा कर ले, लेकिन सावरगांव के स्कूल को देखें तो शिक्षा की भयावह तस्वीर सामने आती है। यहां इस  स्कूल को एक भवन और पर्याप्त शिक्षण स्टाफ की आवश्यकता है।

    ग्राम पंचायत और ग्रामीणों की मदद से एक पत्रे का शेड बनाया गया है और वहां स्कूल शुरु कर दिया गया है। शैक्षणिक हित को प्राधान्य देते हुए सरकारी अधिकारी, लोकप्रतिनिधि यहां इमारत बनाने के लिए प्रयास करें और बच्चों के शैक्षणिक हित का विचार करते हुए स्कूल के लिए अप टू डेट इमारत बनाए, इसके लिए निधि मंजूर की जाए। साथ ही पूरा शिक्षक स्टाफ भी नियुक्त किया जाए।

    - बाबाजी कुशारे, ग्रामीण सावरगांव