Powerloom industry in the grip of recession in Malegaon, more than 2 lakh power looms will be closed indefinitely

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    मालेगांव. मालेगांव (Malegaon) में पावर लूम उद्योग (Powerloom Industry) प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद शुरू हो गया है, लेकिन बाजार में मांग कम होने के कारण यह उद्योग मंदी की चपेट में है। कपड़ा निर्माताओं ने 2 लाख से अधिक पावरलूम (Power Loom) को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का फैसला किया है क्योंकि तैयार किए गए कपड़ों की मांग में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इस बंद के कारण सबसे ज्यादा मार कारखानों में काम करने वाले मजदूरों (Workers) पर पड़ रही है। 

    मालेगांव में प्रतिदिन लगभग 1.5 करोड़ मीटर कपड़े का उत्पादन होता है, लेकिन तैयार किए गए इस कपड़े की बाजार में इन दिनों कोई मांग नहीं है। साथ ही धागे की कीमत में भी तेजी से इजाफा हुआ है। इससे फैक्ट्रियां चलाना मुश्किल हो गया है। सरकार को बिजली बिल में राहत देनी चाहिए। यंत्र मांग एसोसिएशन ने भी कच्चे माल पर जीएसटी कम कर राहत देने की मांग की है।

    सहायता के लिए पीएम मोदी के पास पहुंचे व्यापारी

    कोरोना संकट से आर्थिक तंगी से जूझ रहे राज्य के कारोबारी समुदाय को अब प्रधानमंत्री मोदी से ही आशा है कि वह ही व्यापारियों के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे। राज्य में व्यापारियों ने यूनाइटेड फ्रंट ट्रेडर्स का गठन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। पत्र में व्यापारियों ने प्रधानमंत्री मोदी से आर्थिक राहत की मांग की है। जिन व्यापारियों ने कर्ज लिया है उन्हें कोविड अवधि के दौरान 50 फीसदी ब्याज से छूट दी जाए। साथ ही 50 लाख रुपये से अधिक के कर्ज पर 3 महीने का ब्याज माफ करें। एफआरटीए के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि पत्र में छोटे उद्यमियों को एसएमई इकाइयां जारी करने और व्यापारियों को जीएसटी वापस करने का आह्वान किया गया है।