वाहनों की रफ्तार पर ‘रडार’ की नजर

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    नाशिक : सबसे अधिक सड़क दुर्घटना (Road Accident) तेज रफ्तार से वाहन (Vehicle) चलाने से होती है। इसलिए वाहनों की रफ्तार पर नजर रखने और तेज रफ्तार वाहन चालकों (Drivers) पर दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए ग्रामीण पुलिस ने रडार लगाने का निर्णय लिया है। शुरुआत में प्रायोगिक तत्व पर जिले के दो मार्ग पर रडार दो दिन लगाए जाएंगे। अनुमति मिलने के बाद जिले के दुर्घटना क्षेत्र के सड़कों पर रडार लगाए जाएंगे। यह जानकारी पुलिस अधिकारी सचिन पाटिल (Police Officer Sachin Patil) ने दी। उन्होंने आगे कहा, नाशिक ग्रामीण पुलिस (Nashik Rural Police) के सीमा क्षेत्र में सबसे अधिक दुर्घटना क्षेत्र है, जिस पर हर साल सैकड़ों नागरिकों की दुर्घटना में मौत होती है। दुर्घटना और दुर्घटना में होने वाले मौत का प्रमाण कम करने के लिए वाहनों की रफ्तार को नियंत्रित करना जरूरी है। 

    10 सेकंड में वाहनों की रफ्तार देखी जाएगी

    इसके लिए इंटरसेप्टर वाहन, स्पीड गन के माध्यम से वाहनों की रफ्तार देखी जाएगी। रफ्तार मर्यादा का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों से ई-चालान के माध्यम से दंड वसूल किया जाता है। इस यंत्रणा के माध्यम से 10 सेकंड में एक वाहन की रफ्तार देखी जाती है। इसलिए अन्य वाहन तेज रफ्तार से आगे निकल जाते है। परंतु रडार यंत्रणा के माध्यम से आने और जाने वाले दोनों मार्ग के दो किलो मीटर अंतर के सभी वाहनों की रफ्तार एक ही समय संकलित की जाती है, जिसमें जिन वाहनों की रफ्तार तेज होगी उन वाहन चालकों को ई-चालान के माध्यम से दंड किया जाएगा। शुरुआत में दो जगह पर रडार की टेस्ट की गई है। भविष्य में किराए पर रडार लेकर दुर्घटना मार्ग पर रडार लगाए जाएंगे। ताकि सभी वाहनों के रफ्तार पर नजर रख सकें। वाहन चालकों को इस बारे में जानकारी देने के लिए सूचना फलक भी लगाए जाएंगे। वाहन चालकों ने रफ्तार पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।