Railway Schools : Railways can soon take a big decision to close its British Era schools, have plan to shift Railway School students
Photo:Twitter

    Loading

    नाशिकरोड : निजीकरण (Privatization) के कारण वर्तमान में रेल (Railways )में लगातार बदलाव हो रहे है। यात्रियों (Passengers) को अच्छी सुविधा (Good Facilities) देने के लिए रेल ने विविध कर (Taxes) वसूलने के लिए नियम बनाए है। रेल विभाग ने यात्रियों से स्टेशन डेवलपमेंट चार्ज अर्थात स्थानक विकास शुल्क वसूल करने का निर्णय किया है, जिसका हर्जाना यात्रियों को भुगतना पड़ेगा। रेल स्थान पर पहुंचने के बाद टिकट स्वरूप में अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। अलग-अलग श्रेणी के यात्रियों को अलग-अलग शुल्क लागू होंगे।

    उपनगरीय और सीजन टिकट को इससे अलग रखा गया है। यात्रियों को सुविधा और विकास शुल्क के नाम पर शुल्क वसूल किया जाएगा। रेल स्थानक के पुनर्विकास के लिए निश्चित किए गए स्थानकों पर यह वसूली होगी। रेल से यात्रा करने वाले हर एक यात्री से यह शुल्क वसूल होगा। रेल मंत्रालय द्वारा जारी किए हुए मार्गदर्शन सूचना के अनुसार, स्थानक से रेल में बैठने के लिए 10 से 50 रुपए अतिरिक्त शुल्क अदा करना पड़ेगा। यह शुल्क यूजर फी तीन इस श्रेणी का होगा। इसके अनुसार वातानुकूलित श्रेणी के लिए 50 रुपए, स्लीपर श्रेणी के लिए 25 रुपए, अनारक्षित श्रेणी के लिए 10 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। यह वसूली टिकट के शुल्क के माध्यम से होगी।

    इसके लिए रेल मंडल ने योजना को अनुमति दे दी है। इस योजना पर अमल होने के बाद प्लेटफार्म टिकट भी 10 रुपए से महंगा होगा। जिस पर जीएसटी देना होगा। रेल स्थानक का विकास पूर्ण होने के बाद यह वसूली शुरू होगी। इस योजना पर कब से अमल होगा, इसे लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन रेल अधिकारियों के अनुसार एसडीएफ लागू होने के बाद राजस्व सुनिश्चित होगा। केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद यात्री संगठनों ने इसका अभ्यास शुरू कर दिया है।