चावल के भाव एक महीने में 20 रुपए बढ़े, जानिए बाजार की कीमत

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    नाशिक : पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस सिलेंडर, तेल, सब्जी के भाव में तेजी के बाद अब चावल (Rice) के भाव में भी तेजी आने से गरीब जनता (Poor People) के लिए दाल-चावल (Pulses And Rice) का निवाला भी महंगा (Expensive) हो गया है। जुलाई महीने में भारी बरसात के कारण बाजार में चावल की आवक कम होने के कारण चावल के भाव में तेजी के आने की बात कही जा रही है। चावल के भाव में काफी तेजी देखी जा रही है, इसलिए गरीब घर के लोगों के लिए दाल-चावल महंगा हो गया है। चावल के भाव में आई तेजी के कारण होटलों में जीरा राइस भी महंगा हो गया है।

    चावल की कीमत में भारी वृद्धि हुई

    भारत 85 देशों को चावल का निर्यात करता है। साथ ही जब से कोरोना का खतरा कम हुआ है, उस वक्त भारतीय चावल की निर्यात में और ज्यादा वृदधि ही थी। वैसे तो सभी प्रजातियों के चावल के भाव में भारी तेजी आई है। लेकिन बासमती चावल की कीमतों में अन्य प्रजातियों की तुलना में भारी उछाल आया है। 

    चावल कर्नाटक, गोंदिया, छत्तीसगढ़, गढ़चिरौली, पंजाब, दिल्ली जैसे राज्यों से नाशिक में आयात किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक के किसानों ने पारंपरिक बासमती चावल के बजाय 1121 बासमती प्रजाति के चावल की खेती की ओर रुख किया है। पारंपरिक बासमती की खेती पिछले तीन से चार वर्षों से बहुत घटी है। 

    होटल और केटरिंग व्यवसाय फिर से फला-फूला है, इसलिए बासमती चावल को स्टीम करके होटल और खानपान में इस्तेमाल किया जाता है, इस कारण अन्य प्रजाति के चावल की तुलना में बासमती चावल की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है। चावल का निर्यात बढ़ने से स्थानीय बाजार में चावल की आवक कम को हो गई है, इसलिए बासमती, इंद्रायणी, कोलम, रायभोग सभी प्रजातियों के चावल के भाव में 15 रुपए से 20 रुपए प्रति किलो की तेजी आई है।

    चावल प्रजाति दर प्रति किलो

    1121 बासमती : 120 से 130

    सादा बासमती : 130 से 140

    इंद्रायणी : 60 से 70

    कोलम : 70 से 75

    कृष्णा कमोदा : 70 से 75

    रायभोग : 55 से 30