bhagar news

    Loading

    नासिक: व्रत में उपयोग में आने वाले भगर के आटे (Bhagar Flour) में मिलावट को लेकर अन्न और औषधि प्रशासन हरकत में आ गया है। उसने भगर मिल (Bhagar Mills) की जांच शुरू कर दी है। विभाग के सह आयुक्त गणेश परलीकर ने कहा कि भगर मिल में अनियमितता मिलने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भगर तृणधान्य है, भगर में मिलावट होने की शिकायत अब तक प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन भगर के आटे में मिलावट होने की संभावना होती है। राज्य के अनेक इलाकों से भगर के कारण विषबाधा होने की शिकायतें मिल रही हैं। इस पार्श्वभूमि पर परलीकर ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। 

    सबसे अधिक भगर मिल नाशिक जिले में हैं। नाशिक जिले के अनेक इलाकों से संपूर्ण भारत में भगर पहुंचाई जाती है। इसलिए राज्य ही नहीं, बल्कि देश के नागरिकों का भी ध्यान नाशिक विभाग की भगर पर लगा रहता है। नाशिक विभाग की भगर मिल में सुरक्षा और सफाई से संबंधित नियमों का पालन होता है अथवा नहीं, उसकी जांच हो रही है। कुछ दिनों पूर्व मराठवाड़ा के कुछ इलाकों में भगर खाने से विषबाधा होने की शिकायतें मिली हैं।

    फंगस लगने से विषबाधा की संभावना

    भगर का आटा तैयार करने के बाद वातावरण और पानी के कारण फंगस (बुरशी) तैयार होता है। इस प्रकार का आटा खाने से विषबाधा होने की संभावना सह आयुक्त उदय लोहकरे जताई है। अधिकारियों के अनुसार, नाशिक में सीधे भगर के आटे का निर्माण अथवा बिक्री नहीं होती। नागरिकों की जरूरत के अनुसार भगर का आटा बनाने की अपील की गई है। बाजार से भगर का आटा खरीदने से बचने की बात कही गई है।

    सबसे अधिक मात्रा में भगर नाशिक में तैयार होती है। इसलिए विभाग के अधिकारी नियमित रूप से कारखाने में जाते हैं। नवरात्रि की पार्श्वभूमि पर जांच के लिए दल गठित किए गए हैं, जो जांच कर रहे हैं।

    -गणेश परलीकर, सह आयुक्त, अन्न और औषधि प्रशासन