लाउडस्पीकर के समर्थन में आरपीआई उत्तरी सड़कों पर

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    मनमाड : इस समय अजान (Azaan) देने के लिए मस्जिदों (Mosques) समेत अन्य धार्मिक स्थलों (Religious Places) पर लगे हुवे लाउडस्पीकर (Loudspeaker) का मुद्दा गरमाया हुवा है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे (MNS Chief Raj Thackeray) द्वारा मस्जिदों पर लगे हुवे लाउडस्पीकर हटाये जाने की मांग करते हुवे राज्य सरकार को 4 मई का अल्टीमेटम (Ultimatum) दिया था। उसका विरोध करते हुवे और मस्जिद और सभी धार्मिक स्थलों पर लगे हुवे लाउडस्पीकर के समर्थन (Support) में आरपीआई (RPI) सड़क पर उतर आई राज ठाकरे पर तानाशाह होने का आरोप लगाते हुए मोर्चा (Front) निकाला। यह मोर्चा शहर की नगीना मस्जिद के पास पहुंचने के बाद, कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला (Human Chain) के साथ मस्जिद की रक्षा की। इस अवसर पर संतप्त कार्यकर्ताओं ने राजा ठाकरे के खिलाफ नारेबाजी की और मंडल तथा पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन दिया उसमे राज ठाकरे के खिलाफ देशद्रोह (Treason) का मामला दराज किये जाने की मांग की। 

    दो समाजों को लड़ने का काम कर रहे राज ठाकरे 

    आरपीआई के जिला संपर्क अधिकारी राजेंद्र अहिरे, जिला कार्यकारी अध्यक्ष गंगाभाऊ त्रिभुवन और युवा तालुका अध्यक्ष गुरुकुमार निकले के नेतृत्व में आरपीआई भवन से मोर्चा निकाला गया। शहर के विभिन्न मार्गो से होता हुवा यह मोर्चा शहर की पुरानी नगीना मस्जिद  के पास आने के बाद यंहा मानव श्रुखंला बनाकर मस्जिद की रक्षा की इस अवसरपर मंडल एंव पुलिस अधिकारी को एक ज्ञापन दिया गया उसमे कहा गया है, की केवल मस्जिदों पर ही लाउडस्पीकर  लगे हुवे नहीं है बल्कि मंदिर समेत और सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगे हुवे है लेकिन राज ठाकरे सिर्फ मुस्लिम समाज को लक्ष्य कर रहे हैं साथ उन्होंने सरकार को चार मई का अल्टीमेटम दिया था। राज्य और देश संविधान से चलता है न कीसी के अल्टीमेटम से। आज देश में पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस के दामो में की जा रही बढ़ोतरी, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से आम लोगो और युवा परेशान है इन समस्याओं का निराकरण करने की बजाये राज ठाकरे दो समाज को लड़ने का काम कर रहे है। इसलिए उनके खिलाफ सख्त करवाई किये जाने की मांग की गयी है। इस अवसर पर कैलाश आहिरे, दिनकर धीवर, अनिलदादा निरभवणे, पी.आर.निळे, रुपेश आहिरे, एड.प्रमोद आहिरे, महेंद्र वाघ, दिनकर कांबळे, शेखर आहिरे, प्रशांत दराडे, नाना अहिरे, अकिल शेख, कमलताई खरात, अरुणा जाधव, कृष्णा पगारे, सुधीर शाहू समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।