School work stalled due to lack of funds, Zilla Parishad in no mood to fund

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    नाशिक : नाशिक जिला परिषद (Nashik Zilla Parishad) के कार्यालय के पास इमारत निर्माण के लिए 13 लाख रुपयों की निधी एम्पथी फाउंडेशन के खाते में जमा ना होने से दहिवडी गांव में प्राथमिक विद्यालय (Primary School) की इमारत (Building) के कमरों (Rooms) का निर्माण (Construction) रुक गया है। दहिवडी के एक सामाजिक कार्यकर्ता रामभाऊ गाडे ने मांग की है कि जिला परिषद को उनके खाते से  फौरन बकाया राशि को फाउंडेशन के खाते में ट्रांसफर कर भवन का निर्माण पूरा करना चाहिए।

    नाशिक-शहर जिले की सीमा पर दहिवडी में पुराने जिला परिषद भवन की कक्षाओं को 2014 में ग्राम पंचायत द्वारा सीमांकित किया गया था। तत्कालीन प्रधानाध्यापक बबन गोसावी ने स्कूल में क्लास रूम बनाने के लिए फाउंडेशन को प्रस्ताव भेजा था। एम्पथी फाउंडेशन ने स्कूल के प्रस्ताव को मंजूरी दी और फंडिंग को मंजूरी दी। स्कूल द्वारा जिला परिषद को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार 22 लाख रुपए मंजूर किए गए थे।

    लोगों द्वारा एम्पथी फाउंडेशन के खाते में पचास प्रतिशत राशि जमा करने के बाद भवन का काम शुरू हुआ। फाउंडेशन के खाते में जिला परिषद ने 8 लाख 56 हजार रुपये जमा कराए। स्कूल ने संस्था के खाते में 40 हजार रुपये भी जमा कराए। वर्तमान में विद्यालय भवन का 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। लेकिन जिला परिषद से शेष 13 लाख 26 हजार 400 रुपये नहीं मिलने के कारण संगठन ने भवन का काम रोक दिया है। इससे छात्रों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है।

    फाउंडेशन ने जानकारी दी है कि जब तक फाउंडेशन के खाते में जिला परिषद की 13 लाख 26 हजार 400 रुपये की राशि जमा नहीं हो जाती, तब तक काम शुरू नहीं होगा। उन्होंने इस मामले पर मौजूदा विधायक माणिकराव कोकाटे और जिला परिषद सदस्य सीमांतिनी कोकाटे से चर्चा की। लेकिन, इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए जिला परिषद को राशि आवंटित कर तत्काल राहत की जरूरत है।

    - रामभाऊ गाडे, दहिवडी

    दहिवडी स्कूल में पहली से सातवीं तक की कक्षाएं हैं और बच्चों के बैठने और पढ़ाने में परेशानी हो रही है। पुराने भवन को गिराए 3 साल हो चुके हैं और नए भवन का काम तुरंत पूरा कर लिया जाएगा। इसी उम्मीद के साथ शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और अपने-अपने तरीके से छात्रों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं। कोरोना के कारण निर्माण कार्य ठप था। अब संस्था ने जिला परिषद को 13 लाख रुपये की राशि बांटने की बाध्यता लगा दी है। ग्रामीण यह भावना व्यक्त कर रहे हैं कि जिला परिषद निधी देने के मूड में नहीं है।