शिंदे गुट बीजेपी पर पड़ा भारी, दादा भुसे को नाशिक का पालक मंत्री बनाकर मुख्यमंत्री ने दिया करारा झटका

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    नाशिक : कई दिनों से लंबित पालक मंत्री (Foster Minister) की नियुक्ति का मुद्दा आखिरकार शिंदे सरकार (Shinde Government) ने सुलझा ही लिया। दादा भुसे (Dada Bhuse) को नाशिक जिले का पालक मंत्री नियुक्त करके सभी को झटका भी दिया है। सरकार की ओर से नियुक्त किए गए पालक मंत्री के मुद्दे पर जो पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि पालक मंत्री की नियुक्ति में मुख्यमंत्री की ज्यादा चली है और उपमुख्यमंत्री की कम। 

    महाविकास आघाड़ी सरकार के पतन के बाद शिंदे समूह ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। विपक्ष की आलोचना के बाद छोटे मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। मंत्रिमंडल बना लेकिन पालक मंत्री की नियुक्ति नहीं हो रही थी। नाशिक में इस बात को लेकर जोरदार चर्चाएं जारी थी कि बीजेपी नेता गिरीश महाजन को नाशिक जिले का पालक मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दादा भूसे को नाशिक जिले का पालक मंत्री बनाकर तस्वीर ही बदल दी है। 

    दादा भूसे के सिर पर नाशिक जिले के पालक का सेहरा बांधा है

    यह भी कयास लगाए जा रहे थे पितृ पक्ष समाप्त होने के बाद ही पालक मंत्री के बारे में घोषणा की जाएगी, लेकिन शारदीय नवरात्र शुरू होने से पहले ही पालक मंत्रियों की घोषणा कर दी गई और दादा भूसे के सिर पर नाशिक जिले के पालक का सेहरा बांधा है। जैसी चर्चा हो रही थी गिरीश महाजन को नाशिक जिले का पालक मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन अप्रत्याशित तरीके से दादा भूसे को नाशिक जिले का पालक मंत्री बनाकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपना वर्चस्व सिद्ध दिया है। उल्लेखनीय है कि जिस पार्टी का पालक मंत्री होता है, उस जिले पर शासन करने वाला माना जाता है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता छगन भुजबल ने पंद्रह वर्षों से अधिक समय तक नाशिक जिले के पालक मंत्री का काम देखा है। नाशिक जिले में राज्य के पूर्व  उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल का दबदबा है।

    दादा भुसे नाशिक के पालक मंत्री की कैसी पारी खेलते हैं

    भूसे ने महाविकास आघाड़ी सरकार में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया है, हालांकि वे कैबिनेट स्तर के मंत्री हैं, लेकिन उनके पद से नाशिक जिले को कितना फायदा हुआ है, यह तो शोध का विषय है, इसलिए यह देखना जरूरी हो गया है कि दादा भूसे नाशिक जिले के पालक मंत्री की जिम्मेदारी किस तरह निभाते हैं। अब तक नाशिक के लोगों ने दादा भूसे को एक मंत्री के रूप में देखा है, अब देखना यह कि दादा भुसे नाशिक के पालक मंत्री की कैसी पारी खेलते हैं।