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    नाशिक. जिले के ओझर (निफाड़ तहसील) नगर परिषद (City Council)अपने कर्मचारी को ग्रॅज्युइटी (Gratuity) का भुगतान नहीं कर रही है।  इसलिए पीड़ित मृत कर्मचारी (Dead Employee) के बेटे ने खुद को कमरे में बंद कर के आत्मदाह का प्रयास किया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओझर के जगन्नाथ गोविंद मंडलिक 30 मार्च, 2019 को निफाड तहसील में ओझार नगर परिषद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के साढ़े तीन साल बाद ग्रॅज्युइटी और अर्जित छुट्टी की राशि 5 लाख 49 हजार रुपये नहीं मिलने से जगन्नाथ नाराज थे और वह 10 अप्रैल, 2021 को कोरोना से संक्रमित हुए और इस महामारी में उनकी मौत हो गई। 

    इलाज के लिए पैसे नहीं होने के कारण बेटा कर्ज में डूब गया था। उनके बेटे दिनेश ने खुद को कमरे में बंद कर लिया औा पेट्रोल भरी बोतल से खुद को आग लगाने का प्रयास किया।  लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आठ दिनों के भीतर इस मुद्दे को हल करने का वादा करने के बाद, खुद को आग लगाने का निर्णय आखिरकार दिनेश ने वापस ले लिया। जगन्नाथ गोविंद मांडलिक ने 39 वर्षों तक नगर परिषद में सेवा की।  चाहे छुट्टी हो, नाइट आउट हो या कुछ और, काम होता तो वह नगर परिषद में हमेशा उपस्थित रहते थे। उन्हें कार्यालय के काम से बाहर भी करने पड़ता था।  लेकिन उनकी सेवानिवृत्ति के साढ़े तीन साल बाद भी उन्हें ग्रॅज्युइटी और सवैतनिक अवकाश के अधिकार से वंचित रखा गया था। 

    कोरोना की लहर में जगन्नाथ को कोरोना हो गया।  उस समय बच्चों को इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ा था। अस्पताल का बिल बढ़ता गया।  उनकी बीमारी के दौरान भी बेटे ने बार बार नगर परिषद का तकाजा किया कि उसके पिता की रकम मिल जाए लेकिन नगर परिषद ने किसी प्रकार का प्रतिसाद नहीं दिया।  जगन्नाथ की मौत हो जाने के बाद भी रकम ना मिलने से दिनेश ने यह सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया।