नाशिक: प्रकृति की कृपा प्राप्त लोगों के लिए गर्मी और बरसात के मौसम में पीने के पानी (Drinking Water) के लिए पाइप खोदने का समय आ गया है। चारों ओर पहाड़, घाटियां और पानी के प्रचुर स्रोत होने के बावजूद घोटी के लोगों को सप्ताह में एक बार ही पीने का पानी मिल रहा है, इसलिए यहां के लोग कह रहे कि वर्षा काल (Rainy Season) में भी लोगों को सूखे का सामना करना पड़ रहा है।
घोटी बुद्रुक मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशिक जिले के इगतपुरी तहसील में सबसे बड़ा और मुख्य बाजार शहर है। शहर दारणा नदी पर स्थित है। घोटी अकोले, शाहपुर, सिन्नर तहसील की सीमाओं पर मुख्य बाजार है। चूंकि शहर राजमार्ग पर ही स्थित है, घोटी शहर भी तेजी से विकसित हो रहा है। इस समय यहां की आबादी करीब 35 हजार है। घोटी शहर के नागरिकों की पीने के पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए दारणा नदी पर सुवेध बांध बनाया गया है। नदी के पानी को इस बांध में लिया जाता है और फिल्टर किया जाता है और यह पानी घोटी को नल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है, इसके लिए घोटी ग्राम निगम की ओर से जलापूर्ति योजना लागू की गई है।
कुएं से महिलाएं ला रही पानी
घोटी शहर के नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए घर-घर जाकर नलों से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन बरसात के दिनों में नलों से गंदा पानी आने के कारण महिलाओं को साफ पानी के लिए सीधे कुओं में जाने का समय आ रहा है।
शहर को लगभग पांच से छह दिनों में एक बार पानी की आपूर्ति हो रही है। यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि नल से गंदा पानी आ रहा है। आठ से दस दिन हो गए हैं। जब नल को पानी नहीं मिला है तो जैसे गर्मियों में हमें बरसात के मौसम में पीने के पानी के लिए पाइप लगानी पड़ती है।
-शैला मते
मानसून के दौरान उपयोग करने के लिए बहुत सारा पानी होता है, लेकिन अब समय आ गया है कि कुएं में आकर पानी भरें ताकि मानसून के दौरान पीने का साफ पानी मिल सके। गर्मियों में भी यही स्थिति होती है, लेकिन यही स्थिति मानसून के दौरान भी होती है। अब तो नल का पानी भी पीने में कड़वा है, इसलिए शुद्ध पानी की कमी है।
-संगीता वारघड़े