'Lalpari' caught in Corona's net, employees angry over lack of vaccination - warning of strike
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    नाशिक : राज्य में अपनी प्रलंबित मांगों को लेकर एसटी कर्मचारियों (ST Employees) ने हड़ताल (Strike) शुरू कर दी है। जिसके चलते एसटी प्रशासन (ST Administration) द्वारा नाशिक विभाग (Nashik Department) के लगभग 20 कर्मियों का निलंबन किया गया है। जिससे एसटी कर्मचारी आक्रमक हो गए है। जिन्होंने विभाग के सभी डिपो में आंदोलन व्यापक किया है। एसटी कर्मियों के आंदोलन के कारण राज्य की बस सेवा पूर्णतः ठप्प हुई है। नौकरी शुदा परेशान हो गए है।

    जिसका  फायदा उठाकर निजी यात्रा वाहन चालक यात्रीयों से पुणे के लिए 1000, औरंगाबाद के लिए 1200, मुंबई के 600, नंदुरबार और आसपास के शहरों में जाने के लिए 1600 रुपए किराया वसूल रहे है। इतने पैसे देने के बावजूद उन्हें वाहन उपलब्ध नहीं हो रहे है। एसटी महामंडल को राज्य सरकार में शामिल करने की मांग को लेकर राज्यभर के एसटी कर्मचारी आक्रमक हुए है। जिन्होंने दीपावली में आंदोलन शुरू किया है। नतीजतन आम नागरिकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस आंदोलन में नाशिक विभाग से नाशिक, येवला, मनमाड, मालेगाव, नांदगाव सहित 13 तेरा डिपो के कर्मचारी शामिल हुए है।

    इस आंदोलन में राज्य की राजनैतिक पार्टियों ने भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। हालही में मनसे के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी एसटी महामंडल कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल में शामिल होकर एसटी महामंडल को राज्य शासन में विलीनीकरण करने की मांग कर रहे है। वहीं एसटी बस कर्मचारियों के हड़ताल का फायदा जिस तरह निजी यात्रा वाहनों को मिल रहा है वैसे ही हाल  नाशिक महानगरपालिका की सिटी लिंक बसों का भी है। जिसके चलते नाशिक महानगरपालिका के राजस्व में 3 दिनों में 21 लाख से अधिक की राशि एकत्र हुई है।