नाशिक : नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) की ओर से शहर में संचालित की जा रही आंगनवाड़ी में रहने वाले बच्चों (Children) को कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्ष से पोषण आहार (Nutritional Food) से वंचित रहना पड़ा है। हालांकि अब कोरोना महामारी के कारण पोषण आहार लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है और आंगनवाड़ी के बच्चों को सितंबर महीने पोषण आहार के मिष्ठान्न (Sweets) दिया जा रहा है।
346 आंगनबाड़ियों में 11 हजार छात्र रह रहे
आंगनबाड़ी में बच्चों को पोषाहार वितरण का कार्य शहर के 23 स्वयं सहायता समूहों की ओर से किया जाता है। नाशिक महानगरपालिका में विभिन्न स्थानों पर 346 आंगनबाड़ी कार्यरत हैं। इस आंगनबाड़ी की छात्राओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए टेंडर निकाले गए थे। इस टेंडर में 23 स्वयं सहायता समूहों ने क्वालिफाई किया है और उन्हें काम दिया गया है। यह काम एक सितंबर से शुरू हो गया है। वर्तमान में उपस्थित वार्डों की संख्या को ध्यान में रखते हुए पोषाहार भोजन का वितरण किया जाता है। नाशिक महानगरपालिका की 346 आंगनबाड़ियों में 11 हजार छात्र रह रहे हैं। इस आंगनबाड़ी में तीन दिन की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए आंगनबाड़ी के लिए स्कूल पोषाहार प्रदान किया जाता है। इस संबंध में आपूर्ति आदेश दे दिए गए हैं।
पोषण आहार मिल रहा है या नहीं पता लगाएं
नाशिक महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने सोमवार को अंबड गांव में दो आंगनबाड़ियों का औचक निरीक्षण किया। महानगरपालिका कमिश्नर ने अपने इस दौरे में यह पता लगाने की कोशिश की कि बच्चों को पोषण आहार मिलता है या नहीं। महानगरपालिका कमिश्नर बच्चों की ओर से दिए गए उत्तर से बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शहर की अन्य आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों को पोषण आहार मिल रहा है या नहीं इसका बात का पता लगाएं। महानगरपालिका कमिश्नर ने इस दौरान कहा कि जल्दी ही संबंधित अधिकारियों की ओर से दौरा किया जाएगा और यह पता लगाया जाएगा कि आंगनबाड़ी में बच्चों को पोषण आहार दिया जा रहा है या नहीं।