नाशिक. शहर (City)में जिन जगहों पर मच्छरों (Mosquitoes) के अधिक पैदा होने के स्थान पाए गए हैं, एैसी जगहों से संबंधित लोगों को महानगरपालिका (Municipal Corporation)की ओर से 448 नोटिस (Notice) दिए गए हैं। इसमें शहर के नामी बिल्डरों के घरों के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन साइट्स में पाए मच्छरों के लार्वा पाए जाने पर संबंधित बिल्डरों को नोटिस जारी किए गए हैं। इस सूची में शहर के कुछ बड़े बिल्डर भी शामिल हैं।
शहर में मच्छरों की पैदावार तेजी से बढ़ रही है और डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इस मुद्दे पर आम सभा के साथ-साथ स्थायी समिति की बैठकों में भी चर्चा की गई है. महापौर ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाने और मच्छरों के उद्गम स्थलों पर तलाशी अभियान चलाने के आदेश दिए हैं। मलेरिया विभाग की एक टीम ने शहर के विभिन्न स्थानों का दौरा किया। दौरे के बीच, मच्छरों के प्रजनन के मैदानों की पहचान की गई और इससे संबंधित लोगों को नोटिस और कुछ अन्य लोगों को दंडित किया गया।
इस महीने के दौरान शहर के एक नामी बिल्डर विराज कंस्ट्रक्शन पर 4,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसी तरह महानगरपालिका ने बिल्डर जयेश ठक्कर को सेफ्टी टैंक और अन्य सामान की मरम्मत के लिए नोटिस जारी किया है। ऐसे में शहर में मकानों का निर्माण करने वाले बिल्डरों में खलबली मची हुई है। शहर में पिछले कुछ दिनों से चिकनगुनिया और डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य और मलेरिया विभाग हाई अलर्ट पर हैं।
मलेरिया विभाग के अधिकारी शहर में मच्छरों के पनपने की जगह तलाश रहे हैं। शहर के कुछ नामी बिल्डरों को उनके निर्माण स्थलों पर मच्छर पैदा करने वाले लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है। आगे इसकी कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. राजेंद्र त्र्यंबके, जीवविज्ञानी, महानगरपालिका, नाशिक
5 सालों में अधिक गती से बढ़े मरीज
शहर में चिकनगुनिया और डेंगू का प्रकोप जारी है और यह साफ हो गया है कि जनजागरूकता समेत तमाम उपाय कागजों पर हैं। प्रशासन जहां कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने की तैयारी कर रहा है वहीं डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप भी सामने आ गया है। पिछले 14 दिनों में चिकनगुनिया के 95 और डेंगू के 140 मामले सामने आए हैं। इस बीमारी के मरीजों की संख्या पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। साढ़े आठ महीने में चिकनगुनिया के 737 और डेंगू के 717 मामले सामने आए।
चिकनगुनिया के 537 मामले
महानगरपालिका को मिले आंकड़ों से ज्यादा डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में हो रहा है। डेंगू के बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि में महानगरपालिका ने जन जागरूकता अभियान चलाया, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो रहा है। पता चला है कि शहर में दवा का छिड़काव नहीं हो रहा है। अगस्त में शहर में 311 लोग डेंगू से संक्रमित हुए थे, जबकि चिकनगुनिया के 210 मामले सामने आए थे। सितंबर के पहले दो सप्ताह में डेंगू के 140 मरीज मिले। चिकनगुनिया के 95 मामले मिले हैं। पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज सामने आए हैं। 1 जनवरी से 14 सितंबर के बीच डेंगू के 717 मामले और चिकनगुनिया के 537 मामले सामने आए।
पांच साल में मरीजों की संख्या (जनवरी से सितंबर)
वर्ष | डेंगू | चिकनगुनिया |
2017 | 15 | 1 4 |
2018 | 368 | 40 |
2019 | 177 | 1 |
2020 | 115 | 7 |
2021 | 717 | 537 |