नाशिक आने वाले मेट्रो ट्रेन के सपने हो सकते हैं चकनाचूर, केंद्रीय बजट में नहीं है जिक्र

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    नाशिक : देश के टू टियर शहरों में सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) को बढ़ावा देने के लिए नाशिक (Nashik) में प्रस्तावित टायरबेस मेट्रो परियोजना (Tirebase Metro Project) की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं। केंद्रीय बजट (Union Budget) में नाशिक मेट्रो (Nashik Metro) का जिक्र न होने और बजट से पहले प्रधानमंत्री (Prime Minister) कार्यालय के अधिकारियों द्वारा दी गई पुष्टि के कारण यह सवाल खड़ा हो गया है कि इस परियोजना (Project) को शुरु किया जाएगा या नहीं।

    केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोई सूचना नहीं मिलने से मेट्रो यात्रा अभी अधर में है। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नाशिक शहर की बढ़ती आबादी को आधुनिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने के लिए टायरबेस मेट्रो परियोजना प्रदान करने की घोषणा की थी इसके लिए सिडको और महामेट्रो को मेट्रो के सर्वे का जिम्मा दिया गया था। महामेट्रो ने मेट्रो के बजाय एलिवेटेड टायरबेस मेट्रो चलाने की सिफारिश की क्योंकि नाशिक में मेट्रो सेवा के लिए प्रति घंटे 20,000 यात्रियों की क्षमता की आवश्यकता नहीं है। इसी के तहत राइट्स ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक टायरबेस मेट्रो सेवा शुरू करने का फैसला लिया गया था।

    29 अगस्त 2019 को कैबिनेट की बैठक में मेट्रो नियो प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय बजट में परियोजना के लिए 2,092 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। महामेट्रो की योजना के तहत नाशिक मेट्रो नियो के लिए 31 किमी के दो एलिवेटेड रूट बनाए जाएंगे एैसी योजना थी। इस रूट पर 25 मीटर के 250 यात्रियों की क्षमता वाली एक जोड बस चलेगी। इस परियोजना को 2023 तक पूरा करने का वादा किया गया है। परियोजना के लिए 2100.6 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है और राज्य सरकार, सिडको और महानगरपालिका का हिस्सा 255 करोड़ होगा।

    नाशिकवासियों का मेट्रो का सपना टूट सकता है

    केंद्र सरकार 707 करोड़ रुपये देगी, जबकि 1,161 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया जाएगा। धन की कमी के कारण, यह निर्णय लिया गया है कि महानगरपालिका परियोजना के लिए जगह उपलब्ध कराएगा। विशेष रूप से, केंद्र सरकार की भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने कुल पचास कोचों के डिजाइन, निर्माण और आपूर्ति की पहल की है, पहले कॉरिडोर के लिए 36 और दूसरे कॉरिडोर के लिए 14. इससे परियोजना को गति मिलने की संभावना बनी हुई है। लेकिन इस साल के बजट में किसी भी प्रकार का उल्लेख ना होने से एैसा माना जा रहा है कि नाशिकवासियों का मेट्रो का सपना टूट सकता है।