The family of the District Magistrate office turned into uncleanliness

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    नाशिक. स्वच्छ भारत अभियान (Clean India Movement) यह गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) निमित्त शुरू किया गया अभियान है, जिसे जिलाधिकारी कार्यालय (Magistrate Office) भूल चुका है। शहर में कोरोना, चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों (Diseases) का संक्रमण होने के बाद भी जिलाधिकारी कार्यालय अस्वच्छता में तद्बील हो गया है। इस बारे में नाम न छापने की शर्त पर जिलाधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, स्वच्छता की जिम्मेदारी लोकनिर्माण विभाग की है। साथ ही परिसर में दवाई का छिड़काव करने की जिम्मेदारी महानगरपालिका की है।

    दोनों विभाग जिलाधिकारी कार्यालय की स्वच्छता की ओर अनदेखी कर रहे है। जिलाधिकारी सूरज मांढरे जहां पर बैठते है उनके पीछे होने वाली नाली भी कूड़े में तब्दील हो चुकी है। इसके चलते पूरे जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर में दुर्गंध पसरा हुआ है। पटवारी कार्यालय के इर्द-गिर्द गुटखा, चाय के खाली कप, प्लास्टिक की थैली जमा हुई है।

    नागरिकों को मच्छरों का सामना करना पड़ रहा है

    नाशिक तहसीलदार कार्यालय के इर्द-गिर्द बड़े तौर पर घांस है। इसके चलते आने-जाने वाले नागरिकों को मच्छरों का सामना करना पड़ रहा है। नागरिकों के साथ अधिकारी-कर्मचारी चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया जैसे विविध बीमारियों का शिकार हो रहे है। जिलाधिकारी कार्यालय में शहर सहित जिले के नागरिक आते है। फिर भी यहां के स्वच्छता गृह को ताला लगाया गया है।  इसके चलते नागरिकों को शौच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। जल्द से जल्द जिलाधिकारी सूरज मांढरे को इस ओर ध्यान देकर परिसर को स्वच्छ और स्वच्छता गृह को नागरिकों के लिए खुला करने की मांग नागरिक कर रहे है।