Nashik Municipal Corporation
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    नाशिक : नाशिक महानगरपालिका चुनाव (Nashik Municipal Election) की तैयारियां पूरी हो गई हैं, अब सभी को सिर्फ चुनाव की तिथियों की प्रतीक्षा है, लेकिन प्रभाग रचना (Division Composition) और मतदाता सूची (Voter List) में लेकर जारी शिकायतों के कारण नाशिक महानगरपालिका चुनाव की तैयारियों पर ही संदेह किया जाने लगता है। लोगों का कहना है कि महानगरपालिका प्रशासन वस्तु स्थिति जाने बगैर ही यह प्रचार करने लगता है कि उसने महानगरपालिका चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली है। तीन सदस्यों के प्रभाग के स्थान पर चार सदस्यों के प्रभाग बनाने पर विचार किया जा रहा है। पहले भी चार सदस्यों के ही प्रभाग थे, लेकिन नए प्रभाग रचना से पहले जो प्रभाग रचना थी, वह चार सदस्यीय ही थी, लेकिन उसे प्रभाग रचना के समय तीन सदस्यीय कर दिया गया था, लेकिन अब फिर कहा जा रहा है कि प्रभाग को चार सदस्यीय करने की मांग की जा रही है। मनाया जा रहा है कि आगामी कुछ दिनों में ही इस संदर्भ अधिसूचना जारी की जाएगी। प्रभाग रचना में फेरबदल के ‘काही गम, काही खुशी’ की स्थिति देखी जा रही है। इसी वर्ष के आरंभ में नाशिक महानगरपालिका का पांच वर्ष का कार्यकाल समाप्त हुआ और नगर नाशिक महानगरपालिका की तैयारियां शुरू की गई, उसके बाद से ओबीसी आरक्षण को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हो गई और चुनाव की तिथि तय नहीं हो पाई। 

    चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में

    मराठा आरक्षण को लेकर भी माहौल गरमाया और चुनाव की तिथि घोषित नहीं हो पायी। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार वार्ड संरचना तैयार करने,  वार्ड संरचना पर आपत्ति एवं सुझाव, मतदाता सूची तैयार करने, अंतिम मतदाता सूची की घोषणा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की घोषणा का कार्य पूरा कर लिया गया। 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से ओबीसी आरक्षण को बरकरार रखने के बाद, शेष 104 सीटों में से 35 सीटों को ओबीसी के लिए आरक्षित घोषित कर दिया गया था। प्रभाग रचना को लेकर शिकायतें और सुझाव फिर से मांगे गए हैं, अब चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं, सिर्फ घोषणा बाकी है। हालांकि अब तीन की जगह चार सदस्यों का वार्ड बनाने की मुहिम तेज कर दी गई है और चर्चा शुरू हो गई है कि इसे दो दिन में सील कर दिया जाएगा। 

     2012 की स्थिति

    राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद शिंदे सरकार की स्थापना बीजेपी के सहयोग से हुई। बीजेपी विधायक लगातार मांग कर रहे थे कि चार सदस्यीय वार्ड होना चाहिए। कहा जा रहा है कि अगर चार सदस्यों का बंटवारा होता है तो 2012 की तरह ही स्थिति बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में चुनाव की घोषणा करने का निर्देश दिया है, इससे पहले राज्य सरकार के इस बदलाव की चर्चा पूरे शहर में है।