Nashik Municipal Corporation

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    नाशिक : शहर में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पेड़ों की कटाई होने की बात को स्वीकार करते हुए नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) की पेड़ और प्राधिकरण समिति ने छंटाई करने पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना और एक पूरे पेड़ की छंटाई करने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का फैसला किया है। जुर्माना (Fine) नहीं भरने पर संपत्ति कर पर बोझा चढ़ा  कर उस राशि को वसूल किया जाएगा। महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner) कैलास जाधव (Kailash Jadhav) की अध्यक्षता में वृक्ष और  प्राधिकरण समिति की बैठक हुई।

    सदस्यों ने इस समय वनों की कटाई के सैकड़ों प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए कहा कि महानगरपालिका की अनुमति के बिना वनों की कटाई हो रही है। जिसके अनुसार पर्यावरण मंत्रालय द्वारा महाराष्ट्र (शहरी क्षेत्र) वृक्ष संरक्षण और संरक्षण अधिनियम, 1975 में किए गए संशोधन के अनुसार, बिना अनुमति के पेड़ों को काटने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने और जुर्माना वसूलने का निर्णय लिया गया। बिना अनुमति के एक पेड़ को काटा पाया गया तो 2,000 रुपये से 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। पूरे पेड़ को काटने पर 25,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया है। पेड़ के मालिक को तय समय के भीतर महानगरपालिका को जुर्माना भरना होगा। समिति के सदस्यों द्वारा पेड़ काटने के दस मामलों का निरीक्षण करने के बाद यह निर्णय लिया गया। इस अवसर पर वृक्ष और  प्राधिकरण समिति के सदस्य और नगरसेवक चंद्रकांत खाड़े, श्याम कुमार साबले, नीलेश ठाकरे, वर्षा भालेराव, गैर सरकारी सदस्य पुंडलिक गीते, पार्क उपायुक्त शिवाजी आमले उपस्थित थे।

    ठेकेदारों से अवैध बंदोबस्त 

    शहर में बड़ी संख्या में पार्क निर्माणाधीन हैं और पार्कों में बिना अनुमति के पेड़ों को काटा जा रहा है। देखा जा रहा है कि चिराग तले अंधेरा पूरे प्रशासन में फैला हुआ है। पेड़ और प्राधिकरण समिति की बैठक में कोई चर्चा नहीं होती है जबकि ठेकेदारों की अनुमति के बिना काम किया जा रहा है।