Water Protest

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    मालेगांव : गर्मी के मौसम में जल (Water) की किल्लत (Shortage) को स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन अगर वर्षा काल में भी जल की समस्या हो तो लोगों का नाराज होना स्वाभाविक है। बताया जा रहा है तीन सप्ताह से तहसील के गुगलवाड (Gugalwad) की जलापूर्ति योजना (Water Supply Scheme) बंद होने के कारण गांव के लोगों को पेयजल नहीं मिल रहा है। जलापूर्ति योजना बंद होने के कारण पानी के लिए हाहाकार मचा है। पेयजल न मिलने से संतप्त गुगलवाड के लोगों ने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण कार्यालय में आंदोलन किया। 

    आर. डी. निकम के नेतृत्व में किए गए आंदोलन में हर सप्ताह जलापूर्ति करने, गांव में नई बढ़ाई गई वितरण व्यवस्था शुरु करने, गांव में तेज गति जलापूर्ति करने की दृष्टि से नया वाल्व लगाने, वाडों-बस्तियों में नई पाइप लाइन डालने, नए जलाशय का निर्माण करने जैसी मांगे आंदोलन करने वालों की ओर से रखी गई हैं। 

    22 गांवों में बारी-बारी से जलापूर्ति हो रही

    वर्तमान में क्षेत्रीय जलापूर्ति योजना दहीवाल और मजीपरा जल प्रबंधन अनुमंडल मालेगांव के 25 गांवों में क्रियान्वित की जा रही है और उक्त योजना के तहत 22 गांवों को बारी-बारी से जलापूर्ति की जा रही है। योजना में ठेका श्रमिकों और वर्तमान में एमएस के माध्यम से लगभग हर 8 से 12 घंटे में प्रत्येक गांव में पानी की आपूर्ति की जा रही है। ग्रेविटी चैनल और ए.सी. प्रमुख मेन के फटने से जलापूर्ति बाधित होती है। गुगलवाड गांव में सुचारू जलापूर्ति के लिए 2500 मी. वितरण प्रणाली में वृद्धि की जानी जरूरी है। साथ ही गांव में 1 लाख, 35 हजार लीटर की क्षमता पानी टंकी बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसे सीधे तौर पर लागू किया जाना चाहिए। टंकी बनाने के कार्य के लिए निविदा स्वीकार कर ली गई है और ठेकेदार को कार्य प्रारंभ करने का आदेश भी दे दिया दिया गया है, फिर भी टंकी बनाने का काम क्यों शुरू नहीं किया गया, इसे लेकर ग्रामीण लोगों की ओर से सवाल उठाए जा रहे है।  

    पंप की तत्काल मरम्मत करायी जायेगी

    आंदोलन के दौरान वरिष्ठ अधिकारी ओ. एम. पगार, उपमंडल अधिकारी (प्रभारी) के. आर. दाभाडे, शाखा अभियंता, मालेगांव के साथ-साथ आंदोलनकारी आर. डी. निकम की मोबाइल पर चर्चा हुई और जानकारी दी गई कि उनकी सभी मांगों पर विस्तृत चर्चा होगा। इस दौरान अधिकारियों ने आश्वासन किजा कि पंप की तुरंत मरम्मत की जाएगी और कल से नियमित पानी की आपूर्ति की जाएगी। इतना ही नहीं एक महीने के भीतर प्रस्तावित टंकी का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि वे व्यक्तिगत रूप से गुगलवाड गांव का दौरा करेंगे और आंदोलनकारियों की ओर से की जा रही मांगों को जल्दी से जल्दी पूरा करेंगे। आंदोलन करने वालों में आर. डी. निकम के आलावा उप सरपंच सुनील निकम, किशोर खैरनार, एस.पी. खैरनार, विजय निकम, ज्ञानेश्वर निकम आदि मुख्य रूप से शामिल थे। 

    पानी जैसी जरूरी बुनियादी जरूरतों के लिए लोगों को विरोध करना पड़ता है, इसका मतलब साफ है, जिन लोगों पर इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे अपना काम ठीक तरह से नहीं कर रहे हैं। गांव में ठीक तरह के जलापूर्ति नहीं की गई तो यातायात ठप तर दिया जाएगा और अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा। -(आर. डी. निकम, पूर्व सरपंच, गुगलवाड़)