नाशिक. शालार्थ आईडी (Student ID) में होने वाली खामियों को दूर कर प्रस्ताव विभागीय बोर्ड के पास मंजूरी के लिए भेजे जाने वाले है। इसलिए सरकार के वेतन देने के लिए मंजूरी देने के बाद भी केवल शिक्षा संस्था चालकों की गलत नीति के चलते शेष 282 शिक्षकों को दीपावली बगैर वेतन मनानी होगी। शिक्षा विभाग के पास भेजे गए शालार्थ आईडी प्रस्ताव में खामिया सामने आई, जिसे दूर कर शालार्थ आईडी के प्रस्ताव भेजने के लिए शिबिर का आयोजन किया गया।
लेकिन कई शिक्षा संस्था चालकों ने शालार्थ आईडी प्रस्ताव में होने वाली खामिया दूर करने के लिए आवश्यक दस्तावेज की पूर्तता करने में शिक्षकों का सहयोग न करने से सालों से बगैर वेतन ज्ञानदान का कार्य करने वाले शिक्षकों को वेतन से वंचित रहने का समय आ गया है। विभाग के उच्च-माध्यमिक स्कूल, कनिष्ठ महाविद्यालय के जो स्कूल और विभाजन अनुदान पात्र साबीत हुई है, ऐसे स्कूल और कनिष्ठ महाविद्यालय के शिक्षकों को वेतन देने के लिए शालार्थ आयडी प्राप्त होना आवश्यक है। शालार्थ आईडी के बजाए अनुदान मिलने के बाद भी वेतन नहीं मिलता है।
अनुदान के लिए पात्र घोषित उच्च और माध्यमिक स्कूल, कनिष्ठ महाविद्यालाय के शिक्षकों का शालार्थ आईडी प्रस्ताव विभागीय उपसंचालक कार्यालय के पास पेश किया गया था। परंतु कई प्रस्ताव दोषपूर्ण होने की बात सामने आई। इस पृष्ठभूमि पर खामियों को दूर करने के लिए जलगांव में विभागीय शिक्षा उपसंचालक कार्यालय की ओर से शिबिर का आयोजन किया गया। परंतु अनेक उच्च और माध्यमिक स्कूल और कनिष्ठ महाविद्यालय शिबिर में शामिल नहीं हुए। परिणामस्वरूप पहले ही 15 से 20 सालों से बगैर वेतन ज्ञानदान का कार्य करने वाले शिक्षक वेतन से वंचित रह गए है। विशेष यह है कि इन सभी शिक्षकों को सरकार ने वेतन अनुदान मंजूर किया है। शालार्थ आईडी प्रस्ताव स्कूल स्तर से परिपूर्ण भेजने के लिए शिक्षा संस्था शिक्षकों को सहयोग न करने से शिक्षक वेतन से वंचित रहने का दावा महाराष्ट्र राज्य कनिष्ठ महाविद्यालय कृति संगठनक के समन्वय प्रा। सुनील गरुड ने किया है।
असहयोग से शिक्षक वेतन से वंचित
नाशिक विभाग से 20 प्रतिशत अनुदान प्राप्त 1 हजार 32 उच्च और माध्यमिक शिक्षकों के शालार्थ आईडी प्रस्ताव शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए है। इसमें से 750 शालार्थ के प्रस्ताव मंजूरी के लिए विभागीय परीक्षा मंडल के पास भेज दिए है। परंतु 282 शिक्षकों के शालार्थ आईडी प्रस्ताव में स्कूल स्तर से खामिया होने से प्रस्ताव नामंजूर किए गए। इन प्रस्ताव में होने वाली खामिया दूर करने के लिए स्कूल, कनिष्ठ महाविद्यालय, संबंधित शिक्षा संस्था शिक्षकों को सहयोग न करने से यह शिक्षक शालार्थ आईडी के अभाव में वेतन से वंचित है।