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    नाशिक. इस साल गंगापुर बांध (Gangapur Dam) समूह सहित दारणा और मुकणे बांध 100% जलमय हो गया है, लेकिन सिंचाई विभाग (Irrigation Department) के अड़ियल रवैये से नाशिकवासियों पर जल कटौती का खतरा मंडरा रहा है। नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) द्वारा इन तीनों बांधों से नाशिकवासियों को पीने के लिए 5600 दशलक्ष घनफूट पानी आरक्षित करने की मांग को लेकर जल सिंचाई विभाग ने महाराष्ट्र जलसंपत्ति नियामक प्राधिकरण (MWRR) द्वारा निर्देशित किए गए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर के नियम की ओर अंगुली दिखाई है। 

    शहर की बढ़ती आबादी के लिए आवश्यक वार्षिक पानी उपयोग और जलापूर्ति यंत्रणा का लिकेज ध्यान में लेते हुए इस साल मनपा ने गंगापुर बांध समूह से 4000 दशलक्ष लीटर, मुकणे बांध से 1500 दशलक्ष लीटर तो दारणा से 100 दशलक्ष लीटर पानी आरक्षित करने की मांग जिलाधिकारी और जल सिंचाई विभाग के पास की थी, लेकिन जल सिंचाई विभाग ने मनपा के इस पानी आरक्षण मांग पर आपत्ति जताई। 

    बैठक पर सभी की निगाहें

    नियम के तहत बांधों के पानी का आरक्षण निश्चित करते समय प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 135 लीटर और यंत्रणा का लिकेज 15% ध्यान में लेते हुए पानी आरक्षण करना आवश्यक है, इसलिए महानगरपालिका द्वारा की गई पानी आरक्षण की मांग जलसंपत्ति नियामक प्राधिकरण के निर्देश के तहत है या नहीं, इसकी जांच कर वार्षिक पानी उपयोग रिपोर्ट पेश करने का निर्देश जल सिंचाई विभाग ने महानगरपालिका से की। महानगरपालिका का पानी आरक्षण समस्या में आ गया है इसलिए 15 अक्टूबर को आयोजित पानी आरक्षण बैठक की ओर सभी की निगाहें लगी हुई है।

    तेज होगा पानी आरक्षण का संघर्ष

    MWRR के नियम के तहत यंत्रणा का लिकेज 15% है, लेकिन मनपा के पानी लिकेज का आकड़ा 40% से अधिक है। दूसरी ओर आबादी का आंकड़ा जल सिंचाई विभाग ने मंगवाया है, लेकिन जनगणना 2011 के बाद न होने से यह आकड़ा कैसे दें? यह सवाल अब खड़ा हो गया है, इसलिए मनपा का सिरदर्द बढ़ने वाला है। साथ ही नाशिकवासियों पर जल कटौती का संकट भी मंडरा रहा है। शहर की आबादी, पशुधन को लेकर प्रमाणित आंकड़ा, MWRR द्वारा दिए गए निर्देश के तहत वार्षिक पानी उपयोग रिपोर्ट, बिगरनिवासी पानी उपयोग का आंकड़ा और निकष, बांधवार बिगरनिवासी पानी उपयोग आदि की जानकारी चाहिए।

    15 को आरक्षण को लेकर होगी बैठक

    महानगरपालिका ने शहर के लिए 5600 दशलक्ष घनफूट पानी आरक्षण की मांग दर्ज करने के बाद इस बारे में निर्णय लेने के लिए 15 अक्टूबर को पालकमंत्री छगन भुजबल की मौजूदगी में जिलाधिकारी, जल सिंचाई और महानगरपालिका की संयुक्त बैठक होगी। जल सिंचाई विभाग में मराठवाड़ा के अधिकारियों की संख्या अधिक होने से उन्हें नाशिक को लेकर कोई आस्था नहीं है। अब नाशिक के स्थानीय जनप्रतिनिधि इस बारे में क्या भूमिका लेते है? इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है।