नाशिक. नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) में आज भाजपा की सत्ता है, जिसे आगामी नाशिक महानगरपालिका चुनाव में सत्ता से दूर रखने के लिए महाविकास आघाड़ी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। लेकिन स्थानिय स्तर पर आघाड़ी में शामिल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस में एकमत नहीं हो पा रहा है। साथ ही शिवसेना छोड़कर दोनों कांग्रेस कमजोर दिखाई दे रही है। इसकी तुलना में भाजपा ने कई बड़ी योजना कार्यान्वित कर अपनी नीति नागरिकों तक पहुंचाने के लिए शुरुआत की है।
परिणामस्वरूप महाविकास आघाड़ी को भाजपा जोरदार चुनौती देने वाली है। क्योंकि भाजपा ने सभी सीट जीतने के लिए कमर कस ली है। आगामी नाशिक महानगरपालिका चुनाव महाविकास आघाड़ी एक साथ लढ़ने का निर्णय हुआ है, लेकिन सीट बटवारे को लेकर इन तीन राजनीतिक दलों में बिघाड़ी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। क्योंकि शिवसेना ने पिछले कुछ माह से आगामी महानगरपालिका चुनाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके चलते शिवसेना का पलड़ा राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस की तुलना में तगड़ा होने से दोनों कांग्रेस को कितने सीट मिलते है? यह सवाल सभी को सता रहा है।
भाजपा ने मंडल स्तर पर एक टीम तैयार की है
महाविकास आघाड़ी सरकार ने महानगरपालिका चुनाव के लिए त्रिसदस्यीय प्रभाग रचना पर मुहर लगाते हुए अध्यादेश जारी करने के बाद सभी राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। त्रिसदस्यीय प्रभाग रचना यह महाविकास आघाड़ी सरकार के तीनों राजनीतिक दलों के लिए सही व्यवस्था है, क्योंकि सभी सीटों पर आघाड़ी हुई तो भी ठीक है और नहीं हुई तो भी ठीक है। हर एक प्रभाग में स्थानिय नेता और उम्मीदवार जुगाड़ कर भाजपा को सत्ता से दूर रख सकते है। इसके लिए तीनों राजनीतिक दल एक साथ आना जरूरी है। वरना भाजपा को सत्ता से रोकना असंभव होगा। दूसरी ओर भाजपा ने एक बूथ थर्टी युथ प्रोग्राम कार्यान्वित किया है। पार्टी संगठन मजबूत करने की दृष्टी से भाजपा की बूथ रचना अन्य पार्टी की तुलना में मजबूत और अलग नीति की है। इसके अलावा मंडल का विस्तार करते हुए भाजपा ने मंडल स्तर पर एक टीम तैयार की है।
शिवसेना की शाखा गठित
शिवसेना ने तो शहर कार्यकारिणी में बदलाव कर चुनाव की जिम्मेदारी महानगर प्रमुख सुधाकर बडगुजर को दी है। साथ ही 5 सदस्यीय कमिटी का भी चयन किया है। इसके माध्यम से महानगरपालिका चुनाव के लिए तैयारी की जा रही है। हर प्रभाग में शिवसेना की शाखा गठित की जा रही है। युवासेना महिला आघाड़ी को मजबूत किया जा रहा है। पिछले तीन-चार माह से शहर परिसर में अपना कामकाज तेज कर शिवसेना ने भाजपा की समस्या बढ़ा दी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस ने भी बूथ कमिटी का गठन शुरू कर दिया है। 1068 में से 900 कमिटी का गठन किया है। परंतु कांग्रेस में आज भी तैयारी शुरू नहीं की है। महाविकास आघाड़ी में तीन राजनीतिक दल है।
दोनों पार्टी के लिए लाभदायक होगा
इसमें से एक दल पिछे रह गया है, जिससे महाविकास आघाड़ी को नुकसान हो सकता है। इसलिए शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस में ही आघाड़ी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। भाजपा-मनसे में युती की चर्चा शुरू हो गई है। इन दोनों में युती हुई तो दोनों पार्टी के लिए लाभदायक होगा। क्योंकि पिछले महापौर और स्थायी समिति सभापति पद चुनाव में जीत के लिए भाजपा ने मनसे की मदद ली थी। भाजपा और मनसे ने युती की घोषणा नहीं की है, लेकिन कई तीन सदस्यीय प्रभाग में मनसे के उम्मीदवार खड़े रह सकते है।