पांच की नोट नहीं ले रहे व्यापारी!, नागरिकों में  भ्रम की स्थिति

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    नाशिक:  5 साल पहले 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार (Modi Government) ने 500 और 1000 रुपए के नोट चलन से वापस ले लिए थे। इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की गई थी। 5 रुपए के नोट (5 Rupee Note) बंद होने को लेकर सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है।  फिलहाल बाजार में विक्रेता 5 रुपए के नोट लेने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में नागरिकों में भारी भ्रम है। 

    कुछ साल पहले अफवाह फैलने के बाद विक्रेताओं और नागरिकों ने 5 रुपए के नोटों का व्यवहार बंद कर दिया था। यह स्पष्ट होने के बाद कि यह सिर्फ एक अफवाह है, लेन-देन में फिर से 5 रुपए के नोट का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में 5 रुपए के नोट को लेकर विक्रेताओं और नागरिकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।  

    बैंक अधिकारियों ने नोट बंद होने से किया इंकार

    रिटेलर, व्यापारी, बड़े कारोबारी 5 रुपए का नोट लेने से परहेज कर रहे हैं। नागरिकों के पास रखे नोट बेकार होते जा रहे हैं। नोट बंद हुआ या नहीं, इसको लेकर सभी में असमंजस का माहौल है। बैंक अधिकारियों ने बातचीत में कहा  कि 5 रुपए का नोट बंद नहीं है। विक्रेता को पेशेवरों और नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करनी चाहिए, ताकि सभी की शंकाओं का समाधान किया जा सके। 5 रुपए के नोट को चलन से हटाने का कोई आदेश नहीं है। विक्रेताओं से नोट लेने से परहेज किया जा रहा है। मानो उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो। नागरिक अक्सर अपने बच्चों को किराने का सामान खरीदने के लिए किराना स्टोर भेजते हैं, लेकिन दुकानदार बच्चों को वापस लौटा देते हैं।

    5 रुपए के नोट को लेकर काफी भ्रम है। विक्रेता ग्राहकों से 5 के नोट नहीं ले रहे हैं। प्रशासन को भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। 5 रुपए का नोट चलन से बाहर है या नहीं, इस पर सर्कुलर जारी किया जाए।

    -वसीम सैय्यद, नागरिक

    दुकानों से कुछ सामान खरीदने के बाद अगर विक्रेता को 5 रुपए का नोट दिया जाता है तो लेने से मना कर देता है। ऐसा अनुभव कई जगह हुआ।

    -बंटी पवार, नागरिक