
मनमाड: दीपावली मनाते समय देश मे विभिन्न परंपराओं को निभाया जाता है। ऐसी ही एक वर्षो पुरानी परंपरा (Tradition) मनमाड (Manmad) शहर में गवली समाज की है। दीपावली के दौरान भैया दूज (Bhaiya Dooj) के बाद गवली समाज और दुध संघ द्वारा भैंसा लड़ाने (Buffalo fight) का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी भैंसों की भिड़ंत का आयोजन किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में भैंसे लेकर उनके मलिक आए थे। जितने वाले भैंसे के मालिक को नगद राशि के अलावा ट्रॉफी देकर सम्मान किया गया। हालांकि कानूनी तौर पर इस तरह के आयोजन पर पाबंदी है लेकिन भैंसों की भिडंत देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी।
भारतीय संस्कृति में दीपावली का एक अलग महत्व एवं स्थान है। आमिर से लेकर गरीब तक इस त्यौहार को धूमधाम से मनाता है। विभिन्न राज्यों में अलग-अलग परंपरा को निभाते हुए दीपावली मनाई जाती है। मनमाड शहर में गवली समाज और दूध संघ द्वारा भैंसे की भिड़ंत का आयोजन करके दीपावली मनाई जाती है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। भैया दूज के बाद शाम को भैंसे को सजाकर उनका बाजे-गाजे के साथ जुलूस निकाला जाता है। उसके बाद भैंसे की भिड़ंत प्रतियोगिता शुरू होती है।
इस साल शहर के स्टेडियम के मैदान में भैंसे की भिड़ंत का आयोजन किया गया था। जिसमे केवल शहर परिसर के ही नहीं बल्कि अन्य तहसील से बड़ी संख्या में भैंसों को लेकर उनके मालिक आये थे। प्रतियोगिता में शामिल जितने वाले भैंसे के मालिक को एक हजार से लेकर 11 रूपये तक के नगद इनाम की व्यवस्था थी। विजेता को नगद के साथ ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। भैंसे की भिड़ंत देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। हालांकि क़ानूनी तौर पर ऐसी किसी भी भिड़ंत पर पाबंदी है लेकिन इसके बावजूद बीते कई वर्षों से इस भिड़ंत का आयोजन किया जाता है। गवली समाज के लोगो का कहना हैजब तक हम भैंसे की भिड़ंत का आयोजन नहीं करते तब तक हमारी दीपावली अधूरी मानी जाती है।