नासिक भूमि अभिलेख में ‘ट्रॅप’: उत्तर महाराष्ट्र का प्रमुख रिश्वतखोर गिरफ्तार

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    नासिक : कृषि जमीन (Agricultural Land) के हिस्सा नमूना 12 के दस्तावेजों पर हुई गलती दुरुस्त करने के लिए भूमि अभिलेख कार्यालय (Land Records Office) के अतिरिक्त उप संचालक सहित कनिष्ठ लिपिक को रिश्वत लेने के बाद गिरफ्तार (Arrested) किया गया। शासकीय कार्यालय रात दस बजे तक शुरू रखते हुए 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए संदिग्ध उप संचालक और जिला अधीक्षक पंडित कॉलोनी निवासी महेश कुमार महादेव शिंदे (Mahesh Kumar Mahadev Shinde) और विधाते नगर निवासी कनिष्ठ लिपिक अमोल भीमराव महाजन (Amol Bhimrao Mahajan) को रिश्वत प्रतिबंधक विभाग के पथक ने गिरफ्तार किया। न्यायालय ने दोनों को रिमांड पर एसीबी को सौंपा। उत्तर महाराष्ट्र के प्रमुख अधिकारी को गिरफ्तार करने से भूमि अभिलेख में फैली रिश्वतखोरों की श्रृंखला सामने आने की संभावना जताई जा रही है। 

    शिकायतकर्ता के पिता के नाम पर पंजीकृत कृषि जमीन के नमूना 12 में शासकीय पंजीकरण गलत हुआ था, जिसमें दुरुस्ती के लिए लिपिक सहित जिला और उत्तर महाराष्ट्र प्रमुख ने 1 लाख 80 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। आखिरकार 1 लाख रुपए में समझौता हुआ। मंगलवार की रात को रकम पहुंचाने की सूचना की। इसकी शिकायत रिश्वत प्रतिबंधक विभाग को प्राप्त होने के बाद पुलिस निरीक्षक गायत्री जाधव और संदीप घुगे ने सीबीएस के समीप भूमि अभिलेख कार्यालय में जाल बिछाया। इस दौरान कार्यालय में 50 हजार रुपए की रिश्वत लेने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई के कारण भूमि अभिलेख विभाग की बड़ी मच्छली ‘एसीबी’ के जाल में फंसी। इस कार्रवाई की रिपोर्ट ‘एसीबी’ ने राजस्व सचिव और पुणे के जमाबंदी आयुक्त को प्रस्तुत की है। 

    घर की तलाशी, संपत्ति जांच के आदेश

    शिंदे के पास जिला अधीक्षक सहित उप संचालक पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी है। जिन्हें गिरफ्तार करने के बाद उनके मकान की तलाशी सहित संपत्ति की जांच करने के आदेश दिए गए है। घर से 3 लाख रुपए नकद, लाखों रुपए का सोना बरामद हुआ। शिंदे विगत साढ़े तीन वर्षो से नाशिक में कार्यरत है। जिनकी कार्यप्रणाली को लेकर अनेक शिकायतें सामने आ रही है। कई लोग एसीबी के साथ संपर्क कर रहे है। 

    त्रयस्थ व्यद्यक्ति के माध्यम से ‘व्यवहार’

    भूमि अभिलेख के सर्वेअर भी त्रयस्थ व्यक्ति के माध्यम से ‘व्यवहार’ करते है। प्रत्येक काम के लिए अर्थलाभ की तलाश होती है। आवेदन स्वीकारने के लिए रिश्वत मांगी जाती है। इस संदर्भ में ‘एसीबी’ पथक को जानकारी मिली है। इसके आधार पर कुछ अधिकारी और कर्मियों की जांच होगी। 

    आगे बढ़कर शिकायत करें

    भूमि अभिलेख प्रकरण में जांच शुरू है। पीड़ित आगे बढ़कर शिकायत कर सकते है। शिकायतकर्ताओं के नाम गुप्त रखे जाएंगे। शिकायत करने पर समस्या बढ़ती हैं, यह एक आफवा है। इसलिए नि:संकोच रूप से 1064 इस क्रमांक पर संपर्क किया जा सकता है। निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। – शर्मिष्ठा वालावलकर, अधीक्षक, एसीबी, नासिक।