Godavari River

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    नाशिक : कोरोना मरीजों (Corona Patients) की कम हुई संख्या और तीसरी लहर (Third Wave) का असर कम होने के बाद महानगरपालिका (Municipal Corporation) ने कोविड केयर सेंटर (Covid Care Centre) बंद करने का निर्णय लिया है। यहां पर होने वाले ऑक्सीजन प्लांट के माध्यम से गोदावरी नदी सहित उपनदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए महानगरपालिका एसटीपी प्लांट की जगह पर उपयोग करने वाली है। राष्ट्रीय हरित लवाद ने ए मामले की सुनवाई करते समय नदी का गंदा पानी और प्रदूषण को लेकर महानगरपालिका प्रशासन की कान खिंचाई की थी।

    इसके बाद महानगरपालिका प्रशासन ने ऑक्सीजन प्लांट के माध्यम से गंदे पानी पर ऑक्सीजनेशन की प्रक्रिया करने का निर्णय लिया है। नए बिटको अस्पताल और डॉ. झाकिर हुसेन अस्पताल में होने वाले ऑक्सीजन प्लांट का मलजल निस्सारण केंद्र में उपयोग किया जाएगा। इस बारे में महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव ने प्रस्ताव पेश करने के आदेश संबंधित विभाग प्रमुखों को दिए है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के नए मानक के अनुसार इस मलनिस्सारण केंद्र की क्षमता बढ़ाने और आधुनिकीकरण करना आवश्यक है। इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया गया है।

    महानगरपालिका ने रामकुंड और तपोवन में भाविकों को शुद्ध पानी मिले इसलिए नागपुर स्थित ओझोन रिसर्च एंड एप्लीकेशन प्रा. लि. कंपनी की मदद से दो ऑक्सीजनेशन प्लांट बनाएं है। अब शहर से प्रवाहित होने वाली 19 किमी लंबी गोदावरी नदी का पाणी प्रदूषण कम करने के लिए कोरोना काल में कोविड सेंटर में बनाए गए 22 ऑक्सीजन निर्मिती करने वाले या केंद्र (पीएसए प्लांट) की मदद ली जाएगी। ऑक्सीजन के माध्यम से बीओडी अर्थात पानी का ऑक्सीजन स्तर बढ़ाकर पानी शुद्ध किया जाएगा।