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    नासिक : नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) संचालित बिटको अस्पताल (Bitco Hospital) के लैब में एक ही व्यक्ति का दो अलग-अलग ब्लड ग्रुप (Blood Group) सामने आने से हड़कंप मच गया है।  नासिक महानगरपालिका की ओर से कम दर में खून की जांच करने के लिए शुरु की गई लैब फिर विवादों के घेरे में आ गई है। इस संदर्भ में यह पता चला है कि एक व्यक्ति के इलाज के दौरान उसके ब्लड के दो-दो अलग-अलग ग्रुप सामने आए हैं। इस मामले में मनसे की ओर से नासिक महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार के पास प्रमाण के साथ शिकायत दर्ज कराई है। महानगरपालिका कमिश्नर ने इस मामले को बड़ी ही गंभीरता से लिया और मामले की जांच के आदेश के बाद चिकित्सा विभाग ने क्रस्ना लैब को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। 2017 में प्रयोगशालाओं का निजीकरण कर दिया गया था, क्योंकि नासिक महानगरपालिका प्रशासन स्वयं द्वारा संचालित अस्पतालों में परीक्षण के लिए प्रयोगशालाएं चलाने का जोखिम नहीं उठा सकता था। बिटको हॉस्पिटल में ब्लड ग्रुप टेस्ट समेत कई टेस्ट क्रास्ना लैब्स के माध्यम से कराए जाते हैं। यह लैब नासिक महानगरपालिका के अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रक्त, मूत्र और अन्य नमूने एकत्र करती है। सीधे इलाज के लिए जाकिर हुसैन अस्पताल की मुख्य लैब में भेजा जा रहा है, जिससे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

    वहां से सैंपल लाने में बहुत समय लग जाता है। लिहाजा नागरिकों ने लैब से देरी से मिलने वाली रिपोर्ट पर अपनी नाराजगी जताई है। विगत 15 नवंबर 2022 को इस लैब में ब्लड ग्रुप टेस्ट के बाद आशुतोष निकम को ‘एबी पॉजिटिव’ बताया गया। इस लैब में निकम के एक और सैंपल देने के बाद पता चला कि यह ‘बी पॉजिटिव’ ब्लड ग्रुप है, जैसे ही यह मामला सामने आया तो चर्चाएं होने लगी कि एक ही व्यक्ति को दो ब्लड-ग्रुप कैसे हो सकता है। 

    महानगरपालिका कमिश्नर ने जांच के आदेश जारी किए

    कुछ दिन पहले एक अन्य मरीज के साथ भी कुछ कुछ ऐसा ही हुआ था। आशुतोष निकम के साथ जो कुछ हुआ, वैसा ही कुछ रामकृष्ण पोरजे के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। पोरजे 10 नवंबर को ब्लड टेस्ट किया गया तो उनका ब्लड ग्रुप ‘बी पॉजिटिव’ निकला, जबकि अगले दिन जब फिर से उन्होंने टेस्ट दिया तो उनका ब्लड ग्रुप ‘ओ पॉजिटिव’ बताया गया। ब्लड टेस्ट को लेकर अस्पताल में की गई लापरवाही के मुद्दे को मनसे ने महानगरपालिका कमिश्नर तक पहुंचाया तो उन्होंने मामले के जांच के आदेश जारी किए हैं। 

    महानगरपालिका कमिश्नर ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और इस संबंध शिकायत प्राप्त हुई है। एक ही व्यक्ति से दो ब्लड ग्रुप डायग्नोज की रिपोर्ट मिलने के बाद लैब को नोटिस दिया गया है, उनके खुलासे के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    डॉ. बापूसाहेब नागरगोजे, चिकित्सा अधीक्षक, नासिक महानगरपालिका