नाशिक : राज्य (State) के अन्य शहरों (Other Cities) की तुलना में नाशिक की सड़कें ठीक-ठाक होने की बात की जा रही थी। ऐसे में असुरक्षित यातायात के चलते वाहन चालकों पर यात्रा के दौरान हर दिन जान का खतरा (Risk) मंडराता है। शहर के अंबड और सातपुर औद्योगिक वसाहत (Satpur Industrial Base) से मुख्य शहर और उपनगरों में निर्माण सहित अन्य कार्य के लिए असुरक्षित यातायात की जा रही है।
परिणाम स्वरूप इन वाहनों के पिछे से चलना या वाहन चलाना खतरनाक साबित हो रहा है। जिस तरह से पुलिस हेलमेट को लेकर कार्रवाई कर रहे है ठीक उसी तरह नागरी सुरक्षा के लिए गैर जिम्मेदार और असुरक्षित यातायात पर भी कार्रवाई करना जरूरी है। शहर के सभी उपनगरों में वर्तमान में बड़े तौर पर गृह प्रकल्पों का काम शुरू है। इसके लिए स्टील-लोहे के उंचे एंगल्स, लोहे के पत्रे, फैब्रिकेशन के लिए साहित्य, लोहे के दरवाजे, कांच, सलाई आदि साहित्य की छोटे वाहनों से खुलेआम असुरक्षित यातायात की जा रही है। इन वाहन चालकों का अन्य व्यक्तियों से नियमित विवाद हो रहे है।
छोटे वाहनों का हो रहा है उपयोग
फैब्रिकेशन, ग्लास कटिंग सहित निर्माण कार्य के लिए साईट पर साहित्य तीन पहिया छोटी रिक्षा, स्कूटी और टू-वीलर ले जाने के लिए उपयोग हो रहा है। लोहे की अवजड वस्तू, एंगल्स या टोकदार सलई जैसी वस्तू इन वाहनों द्वारा सभी उपनगरों में लाया जा रहा है। ऐसे प्रकारों को रोकने के लिए पुलिस को पेट्रोलिंग कर कार्रवाई करने की मांग नागरिक कर रहे है।
पैदल चलने वालों के साथ वाहन चालकों को खतरा
शहर के गृहप्रकल्पों के लिए अवजड वस्तूं की यातायात पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इन वस्तूं की यातायात सुरक्षित होना आवश्यक है। एमआयडीसी परिसर में इन वस्तुओं की विक्री जोरों पर है। संबंधित व्यक्ति छोटे-छोटे वाहनों में यह सामान लाने से अन्य व्यक्तियों को खतरा निर्माण हो रहा है। ऐसे साहित्य की यातायात औद्योगिक वसाहत से अधिक होती है। साथ ही मुंबई-आगरा महामार्ग, नाशिक-पुणे महामार्ग, नाशिक-औरंगाबाद महामार्ग, नाशिक-डहाणू मार्ग, नाशिक-पेठरोड, नाशिक-दिंडोरी रोड आदि मार्ग का उपयोग हो रहा है।