नासिक: गर्मी की प्रचंडता के कारण स्थानीय स्तर पर पानी की उपलब्धता न होने से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी विकराल रूप से महसूस होने लगी है। ग्रामीणों की मांग है कि टैंकरों (Tankers) से पानी की आपूर्ति (Water supply) की जाए और जिला प्रशासन (Nashik District Administration) इस मांग को तत्काल पूरा भी कर रहा है। इस वर्ष जिले में टैंकरों के फेरों की संख्या 100 तक पहुंच गई है और 82 हजार ग्रामीण इसी पानी पर निर्भर हैं। इस वर्ष गर्मी का प्रकोप जोरों पर महसूस किया जा रहा है, इससे पानी की डिमांड भी बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोत सूख गए हैं।
नतीजतन, निवासियों को पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मदद के लिए टैंकरों से जलापूर्ति शुरू करने की मांग की जा रही हैं। टैंकर स्वीकृति के अधिकार अनुविभागीय अधिकारियों को सौंपे गए हैं, जिससे टैंकरों के लिए स्वीकृति प्राप्त करने में आने वाली प्रशासनिक बाधाएं समाप्त हो गई हैं।
93 स्थानों पर 45 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही
नासिक जिले में आठ तालुकों के 93 स्थानों पर 45 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में 52 गांव और 41 हवेलियां प्यासी हैं और उन्हें 10 सरकारी टैंकरों और 35 निजी टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। सभी संबंधित गांवों में कुल 103 राउंड टैंकर स्वीकृत हैं, उनमें से 102 राउंड वास्तव में चल रहे हैं। फिलहाल 82 हजार, 20 लोगों की प्यास बुझाने का काम टैंकरों से चल रहा है।
तहसील में प्रतिदिन 40 राउंड आते हैं टैंकर
अधिकांश गांव वर्तमान में प्यासे हैं। 25 गांव और 10 वाड़े सहित 35 स्थानों पर 18 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। तहसील में प्रतिदिन 40 राउंड टैंकर आते हैं और 31 हजार, 156 निवासियों को जलापूर्ति की जा रही हैं।