कांकोरी समेत पांच गांवों की जलापूर्ति योजना छह महीनों से बंद, पढ़ें पूरी डिटेल

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    सिन्नर : तहसील के कांकोरी (Kankori) सहित पांच गांव जलापूर्ति योजना (Water Supply Scheme) का जलशुद्धीकरण प्रकल्प (Water Purification Project) पिछले 6 महीने से बंद है। यहां पानी के शुद्धिकरण और कीटाणुशोधन का मामला सामने आया है। कुछ ग्रामीणों ने इस केंद्र का दौरा करने के बाद यहां मामला सामने आया। बता दे कि इस योजना के लिए भोजापुर बांध (Bhojapur Dam) से पानी उठाया जाता है। इस पानी को चास (रामवाड़ी) स्थित जल शोधन केंद्र में लाकर आगे संसाधित और शुद्ध किया जाता है। इसके लिए तुरटी के माध्यम से कीचड़ निकालकर विभिन्न टंकी से उसका वर्गीकरण किया जाता है। क्लोरीन, पोटॅश सहित रासायनिक प्रक्रिया करने के बाद पानी शुद्ध होता है, लेकिन पिछले 6 महीना से शुद्धीकरण प्रकल्प में पानी पर कोई भी प्रक्रिया न करते हुए नागरिकों को जलापूर्ति करने का आरोप ग्रामीण कर रहे है। पिछले कुछ दिनों से नागरिकों के नलों में आने वाले पानी में कीड़े-मकोड़े आ रहे हैं। इसलिए कुछ ग्रामीणों ने शुद्धीकरण प्रकल्प का दौरा किया। इसके बाद पानी शुद्धीकरण के लिए आवश्यक होने वाले बिजली के पंप बंद होने की बात सामने आई। पानी का निर्जंतुकीकरण करने के लिए पानी में पोटॅश, क्लोरीन डालने के लिए होने वाली टंकी में कूड़ा जमा हुआ था। बांध से लिया जाने वाला पानी दिखावा के लिए शुद्धीकरण प्रकल्प से घुमाते हुए कोई भी प्रक्रिया न करते हुए नागरिकों को जलापूर्ति की जा रही है। केंद्र पर एक सेवक कार्यरत है, जिसे कई महीने से वेतन नहीं मिला है। कांकोरी सहित नांदूर शिंगोटे, मानोरी, निर्हाले, मर्हाल आदि गांवों को इस योजना के माध्यम से दूषित जलापूर्ति करने का आरोप ग्रामीणों ने किया। 

    प्रकल्प पर पानी की बर्बादी

    गर्मी के दो महीने और बाकी हैं, लेकिन अभी से ही भोजापुर बांध का जल कम हो रहा है। ऐसे में चास स्थित इस योजना के शुद्धीकरण केंद्र के टंकी में पानी छोड़ने के लिए होने वाली पाइपलाइन कई जगह पर लीकेज है। पानी छोड़ते समय आधा पानी लीकेज के माध्यम से बर्बाद हो रहा है।जलापूर्ति समिति के अध्यक्ष समेत सदस्य शुद्धिकरण समेत अन्य कार्यों की अनदेखी कर रहे हैं। 

    पिछले कुछ दिनों से नांदुर शिंगोटे गांव के नागरिकों के नलों को गंदा पानी आ रहा है। इसके बाद योजना के प्रकल्प का दौरा करने के बाद दयनीय स्थिति सामने आई। पिछले 6 महीने से पानी शुद्ध न करते हुए नागरिकों को जलापूर्ति की जा रही है। कुछ नागरिक घरों में फिल्टर बिठाकर पानी को शुद्ध कर रहे है।  परंतु जरूरतमंद नागरिक गंदा पानी पीने पर मजबूर है। इसलिए उन्हें कभी भी स्वास्थ्य की समस्या निर्माण हो सकती है। 

    सुरेश कुचेकर (Suresh Kuchekar) तहसील अध्यक्ष, अण्णा भाऊ साठे फाउंडेशन।